Posts Poetry Writing Challenge 305 authors · 6200 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 44 Next पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read "बोलती आँखें" बोलती आँखें 👁️ 👁️ सदा कुछ, तो ‘बोलती ऑंखें’; कई राज को , खोलती ऑंखें; ऑंखों से ही, खुशियां झलके; गम में भी , ऑंखें ही छलके। अपने भूले ,... Poetry Writing Challenge · कविता 429 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read 🌷ज़िंदगी के रंग🌷 🌷ज़िंदगी के रंग🌷 *****************” इंद्रधनुष सा , जीवन हो सतरंगी; बै_आ_नी_ह_पी_ना_ला , संगी। बैंगनी, जीवन में एकाग्रता लाए; भोग और विलासिता को बढ़ाए। आसमानी रंग, शीतलता समाए; सुख, शांति व... Poetry Writing Challenge · कविता 300 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read “मत लड़, ऐ मुसाफिर” “मत लड़, ऐ मुसाफिर” ~~~~~~~~~~~~ मत लड़, ऐ मुसाफिर,,, मंजिल तेरी आने वाली है, कुछ भी कर ले तू, नहीं मिलेगा कुछ भी, मंजिल पूरा खाली है, जबतक सफर में... Poetry Writing Challenge · कविता 174 Share Rajesh vyas 9 Jun 2023 · 1 min read बजाने के तजुर्बे जो हमे आ जाते। बजाने के तजुर्बे जो हमे आ जाते। हम भी तुम्हारी महफ़िल में छा जाते।। रीतियां नीतियां बदली नही हमने अपनी, ऐसे में साथ तुम्हारे कैसे गा पाते।। सुनाते रहो सुमधुर... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 2 121 Share rubichetanshukla 781 9 Jun 2023 · 1 min read #बेटियां # तितली बनकर फिरती रहती,घर के कोने कोने में घर जन्नत बन जाता है बेटियों के होने से । उनकी इक मुस्कान से,घर में खुशियां ही खुशियां छा जाती हैं। बेटी... Poetry Writing Challenge · कविता 2 157 Share Nanki Patre 9 Jun 2023 · 1 min read उसने रुह को चूम लिया मैं फूल सा कोमल धूप पड़ते ही मुरझा गई थी, समझ गए मेरे जज्बात उसने रुह को चूम लिया। भावना में बहती हुई सरिता धार सी मैं विचलित, वो सागर... Poetry Writing Challenge · कविता · मुक्तक 3 1 127 Share Nanki Patre 9 Jun 2023 · 1 min read यादों के छांव यादों के छांव में, पहुंच गए एक शाम । गलियां वही थी, बदल गया था नाम। चल रही थी पुरवाई लेकर धून मधुर मधुर , झूम रहे थे तरु नशे... Poetry Writing Challenge · कविता 3 196 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read “एक नई सुबह आयेगी” “एक नई सुबह आयेगी” ~~~~~~~~~~~~ जब,एक नई सुबह आयेगी; संग में,नई शाम भी लाएगी; हर तरफ होंगी खुशियां,सह; खूबसूरत,पैगाम भी लाएगी। सबमें, नई उम्मीद जगाएगी; बदलेंगे , सबके ही जज़्बात;... Poetry Writing Challenge · कविता 177 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read 🌷मनोरथ🌷 🌷मनोरथ🌷 रंग-बिरंगे ही, मनोरथ बसे; हरेक प्राणी के , रग-रग में; हर मनोरथ सदा, पूरे होते; सबके कभी , यही जग में। कुछ मनोरथ , दिखावे की; कुछ है ,... Poetry Writing Challenge · कविता 179 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read संस्कार संस्कार ,धर्म सदा ही ध्यान दिलाए , ज्ञान पिपासा मन में लाए । १ चरित्रवान बलवान बनाए, आदर्श सहित, सम्मान बढ़ाए । २ गुरु पितु मात निर्धन की सेवा ,... Poetry Writing Challenge 124 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read "फूलों की तरह जीना है" 🌷”फूलों की तरह जीना है”🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 ‘मन’अनुरंजित, ‘तन’ अनुरंजित; सदा कुसूमित हो, जीवन अपना। हर कोई ही प्रफुल्लित हो, हमसे; आते ही पास,दूर हों निज गम से। खिला-खिला रहे, जीवन,मन... Poetry Writing Challenge · कविता 227 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read एक वेदना जिंदगी में आकर जो जाते रहे प्रेम करता हूं हमसे बताते रहे कल मिलेंगे बताकर चले तुम गये मिल सके न कभी बस सताते रहे ।1 ऐसे कैसे एक हृदय... Poetry Writing Challenge 89 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read “बदलते रिश्ते” “बदलते रिश्ते” ~~~~~~~~ मैं किस रिश्तों की, बात करूं; हर रिश्ते ही, अब तो सस्ते है। जहां कोई भी, नुकसान दिखे; नफा हेतु ही, बदलते रिश्ते हैं। रिश्तों में अब,... Poetry Writing Challenge · कविता 187 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read “ज़िंदगी अगर किताब होती” “ज़िंदगी अगर किताब होती” ********************** हमारी ज़िंदगी अगर किताब होती; पन्ने-पन्ने पे लिखी,कई ख्वाब होती। भूत, भविष्य व वर्तमान, तीनों की; बातें इसमें , लिखी बेहिसाब होती। कुछ पन्नों में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 193 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read अनवरत अविभावक ऐसा बनूं एकता घर की बना रखूं स्वयं खुश रहूं संतोष धन से त्याग भावना हिय छुपा रखूं..१ अपनत्व की प्रीति बहे उर में प्रेम की रीति बनी रहे... Poetry Writing Challenge 235 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read मैं बावरी मैं बावरी तेरी सांवरिया ,सुन ले मेरी पुकार है मेरा अधिकार नहीं तो करूंगी मैं तकरार करूंगी मैं तकरार तुम्हें आना ही होगा मुझे समझा कर एक-एक अर्थ बताना होगा... Poetry Writing Challenge 184 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read शपथ कर शपथ,कर शपथ, कर शपथ बहुत ही कठिन है यह पथ जीवन और मृत्यु के बीच बहुत ही कम है फ़ासला जिम्मेदारियों मे जूझता मानव छोड देता है स्वयं को... Poetry Writing Challenge 107 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read उलझन मोहन सुलझा भी दो मेरी यह उलझन मेरी, बांसुरी से कोई नही है,अनबन स्वांस की सुरभि,स्वर साथ लेकर उन्मुक्त हो कर बहती,कहती मै कान्हा के उर रहती तब भागती आती... Poetry Writing Challenge 120 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read तरंग ताल तरंग तरुवर उमंग पवन सहित प्रसन्न दिखे हैं सागर,सरिता और सरोवर सभी वायु के संग मिले है सरिता कहती सागर से ताल तलैया खिल जाने दो पावस की ऋतु... Poetry Writing Challenge 155 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read अनुराग चहकते राम भागते जावें , मैया ज्यों पकरन को धावें इधर-उधर पुलकित ,दौड आंगन में, माइन को खेल खिलावैं ।..१ प्रभु जब दौड़ि आपु छांव को , कर सू पकरन... Poetry Writing Challenge 134 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read तिनका मन की आकांक्षा जगी अब जीवन में खुशियों के लिए तृण-तृण से लडना भी होगा । कह रही आकांक्षाएँ अधूरी व्याप्त जीवन के क्लेश , मिटाने को चित्त तत्पर व्यापक... Poetry Writing Challenge 145 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read परिवार परिवार है सम्बन्ध आधारित एक दृष्टांत । है आराधना संयुक्त परिवार का वरदान । शिक्षा, संयम संस्कार आपस मे है सिखलाती । रहना साथ मे सुख,दुःख सहते प्रेम कहलाती ।... Poetry Writing Challenge 1 192 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read हे मृत्यु... हे मृत्यु ! है स्वागत तुम्हारा मैं जब भी मरूं होंठो पर मुस्कुराहट बनी रहे पश्चाताप का आवरण हटें, आत्म संतोष के लक्षण दिखें मस्तक पे न हो सिकुडन न... Poetry Writing Challenge 169 Share साहिल 9 Jun 2023 · 1 min read मिश्रित हाइकु मन पावन था मौसम सावन पिया का आवन -- -- -- काजल काला उसका रखवाला था मनोहर ----------- चढ़ती धूप चिलचिलाती गर्मी क्या हुआ रूप ----------- अबोध बच्चा मनमानी करता... Poetry Writing Challenge 416 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 9 Jun 2023 · 1 min read सम्बन्ध वन,बाग,उपवन,वाटिका है तेरा अभिनंदन पवन संग चतुर्दिक है सुरभित सुरभित चंदन।१ प्रकृति की स्वीकृति आकृति का हैआधार इसे मन धारण कर,करें उचित व्यवहार ।२ जीवंत हो उठे कंकड़-कंकड़,पत्थर-पत्थर जब छू... Poetry Writing Challenge 82 Share राजेश 'ललित' 9 Jun 2023 · 1 min read श्राप ‘श्राप’ ——————- मर गई हैं आत्मा हम देह लिये घूम रहे है आत्मा फिर ढूँढ लेगी अपना घर हम देह के लिये ढूँढ लेंगे फिर नई मरी हुई आत्मा आत्मा... Poetry Writing Challenge · कविता 302 Share राजेश 'ललित' 9 Jun 2023 · 1 min read गाँव बना शहर गाँव बना शहर ----------------------- मैं आया था गाँव घूमने मुझे यहाँ पर शहर मिला बड़ा ही बेसिरपैर मिला मैनें ढूँढी कच्ची झोपड़ियां फूस की छतें खुला आँगन साँझा चूल्हा साँझी... Poetry Writing Challenge · कविता 2 274 Share साहिल 9 Jun 2023 · 1 min read अजब गजब जो जीना सिखाए वो शिक्षा है जो पीना सिखाए वो इच्छा है जो मिले बिना कमाए वो भिक्षा है जो रण में विजय दिलाए वो परीक्षा है, शादी का दो... Poetry Writing Challenge 3 757 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read दिल के ज़ख़्म…!!!! दिल के ज़ख़्म… नज़्मों को चिरती हुई आवाज़ हो गए। बदले बदले… उनके वो अंदाज़ हो गए। कहीं गुम… दिल से निकले उनके वो अल्फ़ाज़ हो गए। सपने हमारे… कुव्वत-... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 5 8 227 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read तन्हाइयों से मिलना आ गया...!!!! उनको यूँ रंग बदलना आ गया… उम्र के उस पड़ाव पर, जब हुआ तज़ुर्बा… ज़िंदगी के वास्ते, हमको फिर संभलना आ गया… मोहब्बत में ठोकर खा- खाकर, यहाँ रोती हुई-... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 266 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read पीर आँसुओं संग बह रही है….!!!! पीर आँसुओं संग बह रही है, आज भी ज़िंदगी की शामें, तुम्हारे इंतज़ार में तन्हा रह रही हैं… कोई आके… पढे़ इन आँखों को, ये कितना कुछ कह रही हैं…... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 206 Share Neeraj Agarwal 9 Jun 2023 · 1 min read इंसानियत इंसानियत के साथ आज जिंदगी कहां हैं। सच तो यही हम कहते जानता जहां हैं। झूठ और फरेब के मन भावों हमें जीना हैं। आज तो जमाने का फैशन ही... Poetry Writing Challenge · कविता 231 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read बीते दिनों से संवाद कर रही हूँ…!!!! आज फिर … बीते दिनों से संवाद कर रही हूंँ। मिले तुमसे कभी… एक ये आशा इज़ाद कर रही हूँ। तुमसे बंधकर… खुद को खुद से ही आज़ाद कर रही... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 188 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read ज़िंदगी हो गयी है संजीदा…!!!!! छिपाते छिपाते… हम इन आंखों की गहराई ना छिपा सके, जिंदगी के सफर की तन्हाई न छिपा सके… किस्मत नहीं बदली वो बदल गए, जिंदगी के वो पल- न जाने... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 4 180 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read "शिक्षक तो बोलेगा” "शिक्षक तो बोलेगा” **************** शिक्षक तो बोलेगा ही अलबत्ता, सुनो, स्कूल व गुरु की गुणवत्ता; कैसे हावी है यहां शिक्षा पे सत्ता, स्कूल में, एक पाठ पढ़ाई जाती; सबको, जाति... Poetry Writing Challenge · कविता 230 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read होठों की ख़ामोशी तक का सफ़र…!!!! दिल की आवाज का… होठों की खामोशी तक का एक सफ़र रहा। बाद जाने के उनके… कुछ ऐसा ये असर रहा। इस रिश्ते की डोर में गांठें ही गांठें पड़ी... Poetry Writing Challenge · कविता 2 309 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read वो जो हमसे दूर हो गए…!!!! तुम जो हमसे दूर हो गए… करीब इस कदर हुए फिर, कि हमारी नज़्मों में मशहूर हो गए… हमारे दिल की सल्तनत पर, हुकूमत यूँ रही तुम्हारी- कि तुम हमारे... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 279 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read संज्ञा संज्ञा सुनो,संज्ञा है मेरा निज नाम; विकल्प है मेरा ही, सर्वनाम; मेरे गुण को,विशेषण बताये; व्यक्ति,वस्तु, स्थान मेरे साये; हर जगह आता, मैं ही काम; सुनो,संज्ञा है मेरा निज नाम।... Poetry Writing Challenge · कविता 214 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read पहचान है बाकी…!!!! अरमानों का टूटा हुआ खाली मकान है बाकी… विस्मृति की बाहों में यादें हैं , और कुछ निशान है बाकी… किस गुरुर में जी रहा है वो – वक्त को... Poetry Writing Challenge · कविता 2 211 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 2 min read दिल ये एक अंधेरा घर हो गया…!!!! दिल ये एक अंधेरा घर हो गया… पनाहों में जो था कभी उसी पर वार करके, आज उनको भी सबर हो गया… एक वो पीर है जो ज़र्रे- ज़र्रे में... Poetry Writing Challenge · कविता 2 314 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 2 min read माँ की परिभाषा मैं दूँ कैसे? माँ की परिभाषा मैं दूँ कैसे? एक शब्द में कहूं माँ तो वो है, स्वयं भगवान हों जैसे। माँ सृजनकृता है, माँ विघ्नहर्ता है। माँ तुलसी जैसी पवित्र है, माँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 306 Share हरवंश हृदय 9 Jun 2023 · 1 min read तू भी है...! रंगीनियाँ हैं मेरे आस पास तो माहताब तू भी है खुश्बू मेरे सोख बदन में, महकता गुलाब तू भी है कम नहीं आंका है तुझको, मैंने अपने ओहदे से मेरा... Poetry Writing Challenge · गीत · हरवंश श्रीवास्तव 1 434 Share Nanki Patre 9 Jun 2023 · 1 min read आशा की किरण आ गई वही निस्तब्ध निशा , मन है शांत-विशांत एकांत । झुंझला कर विश्वास डोल रहा, आशा की किरण बोल रहा। ह्रदय को रख तसल्ली धैर्य से , कट जायेगा... Poetry Writing Challenge · कविता 2 288 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read काश मेरा बचपन फिर आता...!!!! काश मेरा बचपन फिर आता…. दिल खुशियों से भर जाता। बचपन की जब होती है बातें…. अचानक ही यूँ याद आ जाते हैं, वो दिन, वो शरारतों भरी रातें। उस... Poetry Writing Challenge · कविता 1 186 Share Nanki Patre 9 Jun 2023 · 1 min read नये ख्याल पुराने रिवाज़ नये ख्याल पुराने रिवाज़ मिलकर पहनेंगे ताज। संस्कृति का मुख्यालय होगा , नया ख़्याल का आलय होगा। न हो किसी का भी अनदेखा , एक नयी लकीर एक लक्ष्मण रेखा।... Poetry Writing Challenge 2 355 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read बहन के लिए दिल से निकलती दुआ...!!!! मेरी प्यारी बहना आपके अंदर, एक अनोखी बात है। सच में, आपके अंदर कुछ तो खास है। आपकी भाषा में….. मुझे विविधता मिलती है। लेकिन, फिर भी इसमें कुछ भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 266 Share Jyoti Khari 9 Jun 2023 · 1 min read जन्मदिवस पर भाई को शुभकामनाएं...!!!! आया है आज फिर ये खूबसूरत सा- दिन… मुबारक हो भाई तुम्हें ये तुम्हारा जन्मदिन। मिले तुम्हें ढेरों उपहार… प्रेम मिले प्रतिक्षण अपार। भविष्य हो तुम्हारा सुनहरा… अपनों के प्रति... Poetry Writing Challenge · कविता 1 202 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम प्रेम का न परिभाषा न अर्थ है। प्रेम में दिखे न, कभी स्वार्थ है। प्रेम ही तो, आधार है सृष्टि का; बिन त्याग के तो, प्रेम व्यर्थ है। प्रेम... Poetry Writing Challenge · कविता 505 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 9 Jun 2023 · 2 min read मां गोदी का आसन स्वर्ग सिंहासन💺 माँ गोदी का आसन स्वर्ग सिंहासन 💜🌷💙💺💺💜🌷 अतुल्य अनमोल भूस्वर्ग करुणा ममता प्यार भरी स्नेहमयी मां की गोदी खेल कूद से थक गया चलते चलते थक गया थकते थकते थकता... Poetry Writing Challenge · कविता 4 366 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2023 · 1 min read "जंगल की सैर” "जंगल की सैर” •••••••••••••••• आओ, ‘जंगल की सैर’ कराऊॅं; जंगली जीव,के बारे में बताऊॅं। वे हैं,एक-दूजे के जानी दुश्मन; जंगल में न लगता, उनको मन। बोझ बनता,जब उनका जीवन; तोड़... Poetry Writing Challenge · कविता 270 Share Previous Page 44 Next