Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2023 · 1 min read

संस्कार

संस्कार ,धर्म सदा ही ध्यान दिलाए ,
ज्ञान पिपासा मन में लाए । १

चरित्रवान बलवान बनाए,
आदर्श सहित, सम्मान बढ़ाए । २

गुरु पितु मात निर्धन की सेवा ,
शास्त्र कहे ,फल पाएं मेवा । ३

संस्कार युक्त हो नर नारी ,
दुर्गुण पर सद्गुण है भारी । ४

समस्त विपत्ति का हो नाश,
जब हो व्यसन का सर्वनाश । ५

कहते यही कर्म पुजारी,
संस्कार है सब पर भारी । ६

यही जीवन में सम्मान दिलाए,
मीठी वाणी में गुण गाए । ७

यह समस्त सत्कर्म सिखाएं,
अवगुण एक भी पास ना आए । ८

मस्तिष्क का यह ज्ञान बोध है,
जीवन एक , व्यापक शोध है । ९

विकसित गुण , दुर्गुण का क्षय हो,
संस्कारों की सदा ही जय हो । १०

Language: Hindi
92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन में एक खयाल बसा है
मन में एक खयाल बसा है
Rekha khichi
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खतरनाक आदमी / मुसाफ़िर बैठा
खतरनाक आदमी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
जिन्दगी की शाम
जिन्दगी की शाम
Bodhisatva kastooriya
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
आकाश महेशपुरी
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
DrLakshman Jha Parimal
*
*"गणतंत्र दिवस"*
Shashi kala vyas
💐प्रेम कौतुक-358💐
💐प्रेम कौतुक-358💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आरती करुँ विनायक की
आरती करुँ विनायक की
gurudeenverma198
कबीर के राम
कबीर के राम
Shekhar Chandra Mitra
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है (हिंदी गजल)*
*सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
VINOD CHAUHAN
कुछ बात थी
कुछ बात थी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
// होली में ......
// होली में ......
Chinta netam " मन "
महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी
महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी
Seema gupta,Alwar
बन गए हम तुम्हारी याद में, कबीर सिंह
बन गए हम तुम्हारी याद में, कबीर सिंह
The_dk_poetry
पीड़ित करती न तलवार की धार उतनी जितनी शब्द की कटुता कर जाती
पीड़ित करती न तलवार की धार उतनी जितनी शब्द की कटुता कर जाती
Sukoon
दोस्त
दोस्त
Pratibha Pandey
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
Atul "Krishn"
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
सम्बन्धों  में   हार  का, अपना  ही   आनंद
सम्बन्धों में हार का, अपना ही आनंद
Dr Archana Gupta
फ़ितरत
फ़ितरत
Manisha Manjari
@The electant mother
@The electant mother
Ms.Ankit Halke jha
चाय
चाय
Rajeev Dutta
तुम न जाने कितने सवाल करते हो।
तुम न जाने कितने सवाल करते हो।
Swami Ganganiya
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
■ दुर्जन संगठित, सज्जन विघटित।
■ दुर्जन संगठित, सज्जन विघटित।
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
अगर जीवन में कभी किसी का कंधा बने हो , किसी की बाजू बने हो ,
अगर जीवन में कभी किसी का कंधा बने हो , किसी की बाजू बने हो ,
Seema Verma
Loading...