संजीवनी गुप्ता Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read कुछ तो है कुछ तो है वरना यूं ही नहीं महफिलों में तेरी नामौजूदगी में तेरा ज़िक्र होता और तेरी मौजूदगी में तुझे छिप कर देखना होता। कुछ तो है वरना यूं ही... Poetry Writing Challenge · कविता 2 139 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read रातें रात अभी जवान है, बीत गई शराब और शबाब में,। रात अभी जवान है, बीत गई आहें भरने और तारे गिनने में। रात अभी जवान है, बीत गई थपकियों और... Poetry Writing Challenge · कविता 3 104 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read तलाश तलाश में निकला है हर मनुष्य यहां तलाश किसी को रोटी की, तो किसी को आशियाने की। तलाश किसी को अपनों की, तो किसी को सपनों की। तलाश किसी को... Poetry Writing Challenge · कविता 4 4 234 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read विश्वासघात सांस टूटी तो क्या टूटी, असल में टूटा वह विश्वास जो हर सांस के साथ था। घात लगाकर विश्वासघात करना तो गैरों की फितरत है, विश्वास जीत कर घात करना... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 226 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read सवाल कर सवाल कर, उंगलियां उठें तो उठें, सवाल कर, आंखें लाल दिखायें तो दिखायें, सवाल कर, तेरी नियत पर शक हो तो हो, सवाल कर, तेरी इज्जत की धज्जियां उड़े तो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 213 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read ख्वाहिश नज़रों की प्यास है, तुझे देखने की आस है। दूरियां नज़दीकियां बन जाएं, आज चाह यही राहों की भी है। दिल की धड़कनें बेताब हैं, यह शोर आज़ बादलों में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 287 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read बदलाव नासूर बन चुका है चाय - पानी का चलन, घातक बन गया है ऐसे ही होता है का कथन। आतंक बन चुका है सब चलता है का खयाल, समाज में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 174 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read सच की मौत कहते हैं झूठ के पांव नहीं होते, फिर भी वह जड़ें जमाने की कोशिश करता है। बार - बार पकड़े जाने पर भी, सच पर एक नया इल्जाम लगा कर,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 222 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read बिटिया चली ससुराल नैनों में भर के नीर, हृदय में लेकर पीर, बिटिया चली उस तीर। बचपन की किलकारी, आंगन की फुलवारी, ओसारे की खिलवारी, घर की चारदीवारी, सब छोड़ पिछवारी, बिटिया चली... Poetry Writing Challenge · कविता 1 309 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read मेरा शहर मेरे शहर को यह क्या हो गया है, पहले भी यह भागता था, जागता था, चमचमाता था, पर लुभाता था। पहले लोकल ट्रेनों में होती थी बातें, पड़ोस के चर्चे,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 261 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read वैशाख नंदन लक्ष्मण का आम आदमी कुछ बने न बने, पर मूर्ख ज़रूर बनता है। सालों से सरकारें विकास के नाम पर, टैक्स ले मूर्ख बनाती आ रही हैं। लेकिन हद तो... Poetry Writing Challenge · हास्य-व्यंग्य 1 228 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read पिता उसकी बाजुओं में था जोर, उसका सीना था फौलादी। डटा रहा वह निर्भीक, लड़ता रहा हर तूफान से। डूबती कश्ती का माजी बन, लाया सफीने को साहिल तक। उसके मेहनत... Poetry Writing Challenge · कविता 1 102 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read यादें फिसलती रेत नहीं, है यह फिसलता हुआ लम्हा, सिमटा जिसमें यादों का खजाना है। पिरोया जिसे हमने पल - पल की मोतियों से, बिठाया जिसे हमने पलकों पर, गुनगुनाया जिसे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 100 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read कीमत अच्छा है हीरा अपनी कीमत नहीं जानता, वरना खुद निकल पड़ता बाज़ार में अपने को बेचने। अच्छा है बच्चा अपनी मासूमियत पर गुमान नहीं करता, वरना निकल पड़ता चालाकों की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 88 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read मजदूर हाथों की लकीरों को देख, हम नहीं लिखते तकदीरों को। अपना हाथ जगन्नाथ मान, लगा देते हैं अपनी जान। हम खेतों में, हम खदानों में, हम फैक्ट्रियों में, हम गंदी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 95 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read विचार सूरज का तेज मुझमें, शमशीरों की ताकत मुझमें, बाहुबली का बल मुझमें, सत्य की प्रखरता मुझमें। मैं ही मीरा की भक्ति, मैं ही दुर्गा की शक्ति, मैं ही साधक की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 82 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read आनंद उन्होंने कहा शहर में आनंद मेला है, सो हम भी आनंद से भाव विभोर हो, पहुंचे आनंद के मेले में। पता चला अब आनंद दिल में नहीं, जेब में बसता... Poetry Writing Challenge · हास्य-व्यंग्य 1 223 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read मोहब्बतनामा बड़े प्यार से पतिदेव आए और बोले, प्रिये आज वैलेंटाइन डे है। कड़छी हाथ में लिए मुड़कर मैंने कहा, क्याऽऽ, मोहब्बत के भी दिन होते हैं, कैटेगरी होती है ये... Poetry Writing Challenge · कविता 1 165 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read हमने देखा है हमने देखा है क्या लाए थे क्या लेकर जाओगे, कहने वालों को तिजोरी भरते हुए। हमने देखा है राम - नाम जपने वालों को, बगल में छुरी रखते हुए। हमने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 146 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read दोस्त एक दोस्त वो होते हैं, जिनके साथ हम बड़े होते हैं। और एक दोस्त वो होते हैं, जिनके साथ हम बूढ़े होते हैं। एक दोस्त के साथ छड़ी खाते हैं,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 196 Share संजीवनी गुप्ता 12 Jun 2023 · 1 min read कीमत सपनों की थी एक छोटी सी बस्ती, पर बड़े अरमानों वाली। अरमान था शहर बनने का, ख्वाब था चकाचौंध का, भागते - दौड़ते दिन का, और जागती हुई रातों का। आखिर सपना... Poetry Writing Challenge · कविता 1 222 Share संजीवनी गुप्ता 12 Jun 2023 · 1 min read बस यूं ही रहने दो बस यूं ही रहने दो बिखरी हुई लटों को, बस यूं ही रहने दो बिस्तर की सिलवटों को, बस यूं ही रहने दो बर्तनों का ढेर, बस यूं ही रहने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 161 Share संजीवनी गुप्ता 12 Jun 2023 · 1 min read हारता बचपन एक पौधा था, पनप न सका। धरती के आंचल ने उसे सींचा था, सूरज की किरणों ने उसे पाला था। बड़े अरमान से हुआ दाखिला, बड़े हौसले से वह भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 144 Share संजीवनी गुप्ता 12 Jun 2023 · 1 min read आस थकी आंखें तकती रह गईं, आशा की लौ धीमी पड़ गई, सांसों की गति कहीं अटक गई, पर तुम नहीं आए। तुम तो चले अपने पथ पर, पाया अपना लक्ष्य।... Poetry Writing Challenge · कविता 1 289 Share संजीवनी गुप्ता 12 Jun 2023 · 1 min read सत्य चला... कुछ जगा - जगा सा है, कुछ थका - थका सा है। सब धुआं - धुआं सा है, बादलों में छिपे सूरज की तरह, सत्य आज ढका - ढका सा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 204 Share