Rajendra Gupta Poetry Writing Challenge 45 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read कार्यालय कार्यालय ----------------- नया कार्यालय और उसके कोने में एक छोटा सा कमरा, उस कमरे की निःशब्द शांति, --यह सब कुछ अब कितना अजीब लगता है। अपनी कुर्सी पर चिपके हुए,... Poetry Writing Challenge 1 274 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read किसानी संसार किसानी संसार देखो,कितना व्यस्त इंसान है! इस तपती दुपहरी में गेहूं का गट्ठर रख माथे पर खलिहान में पहुँचने को हैरान है । और देखो, मैली-सी साड़ी लिपटी हुई कमर... Poetry Writing Challenge 1 386 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 2 min read पृथ्वी पृथ्वी ***** हे धरणी! हे पृथ्वी मां! तुझको कोटि-कोटि वंदन! जीव-जंतु, नर सारे भू पर, उऋण न होंगे आजीवन। धरती माँ तूं कितनी सुन्दर! कितना कुछ करती हो तुम !... Poetry Writing Challenge 1 151 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read वसंत आया देहरी पर वसंत आया देहरी पर सर्दी में झुलसी, दुबकी ठंडी में अलसाई, उलझी कुदरत संग मानवता अब आनंदित देख वसंत आया देहरी पर। उद्यानों में ओढ़े हरियाली पीपल को पहनाए हरित... Poetry Writing Challenge 1 162 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read जब लौटती है जिंदगी जब लौटती है जिंदगी अद्भुत हमारी दुनिया, अद्भुत हमारी जिंदगी अनमोल तन हमारा, अनमोल है ये जिंदगी। जीव जन्म और ये धरती, है अबूझ एक पहेली माया के इस संसार... Poetry Writing Challenge 1 231 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read जिंदगी जिंदगी मुड़-मुड़ के ना देख, इस कदर ऐ जिंदगी ! है ये दर्द जो हमारा, तुमने ही दिया है । तूं खुश न हो यूं देखकर, मेरे इन हालात को... Poetry Writing Challenge 1 175 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read सृष्टि और विनाश श्रृष्टि और विनाश ******************* सृष्टि- विनाश की कथा है रोचक ईश्वर ने दोनों निर्माण किया है। 'सत्य' व 'शिव' ही सुंदर जग में कण-कण साक्षात्कार किया है। कैसी अद्भुत श्रृष्टि... Poetry Writing Challenge 1 366 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read चिड़िया चिड़िया सुंदर सी काली टोपी है तेरी श्वेत-श्याम तनधारी चिड़िया । तीखा है सुंदर संगीत तुम्हारा खुश हो चीं-चीं गा ले चिड़िया। यूं बैठ वृक्ष अमरुद पर मेरे मन से... Poetry Writing Challenge 2 339 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read प्रेम में अहंकार/दोहे प्रेम में अहंकार/दोहे ******************** प्रेम समर्पण शुद्ध है , अहंकार से दूर जहां प्रेम में अहंकार, प्रेम आपसे दूर।1। प्रेम प्रेम है, प्रेम बस, जगत प्रथम दस्तूर जो चखि पाये... Poetry Writing Challenge 1 251 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read समय समय सूरज-चंदा समय चुराते, काम हमें ना करने देते झटपट रात अंधेरा लाते, खा-पी जल्दी हमें सुलाते। कहते कुदरत सबके लिए,लाती पल-पल परिवर्तन है समयचक्र सर्वहित है, अनियंत्रित श्रम भी... Poetry Writing Challenge 2 316 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read कविता मेरी कविता मेरी कविता मेरी संगिनी, कविता मेरी अंग। एकाकी मैं कहन को, सदा कविताएँ संग। कविता संग बीते दिन रात, कविता मेरी मित्र। सोना-जगना संग में , बिन बाधा, बिन... Poetry Writing Challenge 2 271 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read कण-कण में कण-कण में कण-कण कुदरत बसी हुई, कण-कण में हमारा ईश है कण-कण ही सर्वत्र विराजमान, माया जनित प्रकृति है। कण-कण समाया हर जगह, सरिता, धरा, झील-सागर कण-कण में लिपटा विश्व... Poetry Writing Challenge 1 292 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read हाय रे ठंडी! हाय रे ठंडी ! हाय रे ठंडी ! हाय-हाय सर्दी ! कब तक तेरा जुल्म चलेगा, कब तक तेरी चलेगी मर्जी ? हैं चमचे तेरे ऊनी कपड़े, शाल और स्वेटर,... Poetry Writing Challenge 1 325 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read फागुन की बयार फागुन की बयार **************** सखि, भौंरन का उत्कर्ष देख पुष्पों का उनका आकर्ष देख करते जस बागन की रखवाली डोलत हैं कैसे डारी डारी ! रंग बिरंगे फूल खिले हैं... Poetry Writing Challenge 1 147 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read यह कैसी सर्दी है? यह कैसी सर्दी है? धूप की पगडंडी पर सर्द हवाएं चलती हैं, दौड़ लगाती हैं बुधिया भी घर से निकल पड़ी, बस भागी जाती है यह कैसी सर्दी है? नेताजी... Poetry Writing Challenge 1 95 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 2 min read दोहे दोहे सुख-दुख आवत जात है , इक आए, इक जाय नियम सनातन चलि रहा, काहे मन घबराय । सुख-दुख निशा-दिवा भयो, निशा बीत ही जाय कारी जितनी रात हो, नई... Poetry Writing Challenge 1 252 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read काश! काश ! काश कि कोई युद्ध न होता, बच्चे युद्ध इतिहास न पढ़ते राष्ट्रों में ईर्ष्या लोभ न होता, सह शांति परस्पर मिलकर रहते सार्वभौमिकता सम्मानित होती, भू-भागों के कलह... Poetry Writing Challenge 1 116 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस फिर आया है गणतंत्र दिवस फिर आया है, हर वर्ष दिवस यह आता है गणतंत्र है भारत अति प्राचीन, दिवस यह याद दिलाता है दिन दासत्व के स्मरण... Poetry Writing Challenge 1 85 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read राधा कृष्ण राधा कृष्ण धन्य धरा पुलकित रवितनया, राधा कृष्ण यमुना तट दरसे। मुरलीधर बंसीधुन डूबे, अधरन बंशीधर मुरली परसे। पग पखारि कृष्णा तट राधा,देखि-निरखि निज चरणन हरषे। देखि रमा, छवि-पद-छाया, निज... Poetry Writing Challenge 1 105 Share Rajendra Gupta 26 May 2023 · 1 min read भारत में श्रीराम बिना क्या? भारत में श्रीराम बिना क्या? श्रीराम है एक नाम में, सकल सृष्टि ब्रह्मांड समेटे श्रीराम है एक नाम , भक्तों की जीवन-डोर सहेजे समाहित है सारी आस्था, श्री राम के... Poetry Writing Challenge · कहानी 1 99 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read धवल चांदनी की रातों में धवल चांदनी की रातों में धवल चांदनी की रातों में, आओ प्रिये कुछ पल सुस्ता लें युगों-युगों से साथ हमारा, मधु स्मृतियों की नदी में डूबें गए युगों का प्रेम... Poetry Writing Challenge 1 236 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read हो ली होली हो ली होली हो ली होली हुड़दंग रहित, भली लगी यह सूखी होली भीगी होली बच्चों तक अब, खेले बच्चे असली होली। मुस्काते चेहरों के झुंड दिखे, सभी मिलेंगे अगली... Poetry Writing Challenge 1 129 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read कहीं और बसेरा कहीं और बसेरा छोटे-छोटे धरती के टुकड़े, जो भी जैसे मिले तुम्हें नर! ईंटे पत्थर जोड़ के उन पर, खुश हो अपना महल बनाकर। खड़े हो गए महल हजारों, ऊंची... Poetry Writing Challenge 1 161 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read हे चंदा ! नारंगी गोला हे चंदा ! नारंगी गोला.... हे चंदा! नारंगी गोला, सांझ ढले तुम आते हो। नभ में जब छाता अंधेरा, बैठ वहां मुस्काते हो। सूरज छिप जाता, थक कर दुनिया सो... Poetry Writing Challenge 1 280 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read बूढ़ों का गांव बूढों का गांव बच्चे दूर देश के वासी, हम रह गए अपने गांव बही समय की आंधी में, रोजी - रोटी की नांव। दादा-दादी, पोता-नाती, सब बिखर गया परिवार बूढ़ा-बूढ़ी... Poetry Writing Challenge 1 353 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read अनसुलझे प्रश्न अनसुलझे प्रश्न प्रश्न बहुतेरे सुलझ चुके, अब भी अनसुलझे प्रश्न घनेरे पचहत्तर वर्ष आजादी के बीते, कम नहीं हुए अब भी खतरे था कभी धर्म आधार बना, और देश विभाजन... Poetry Writing Challenge 1 256 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read धुंधली सी परछाई धुंधली सी परछाई वह दृश्य भयावह कुदरत का,जब डरा-डरा बेबस मानव था। भयभीत अकथ घबराई सी, थी त्राहि-त्राहि करती मानवता। वह धरा धंसने का दृश्य भयंकर,था निर्मम पर्वत का रौद्र... Poetry Writing Challenge 1 124 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read सन्नाटा सन्नाटा नया है भारत, नई कांति है, चहुंदिश फैला उजियारा है नवपथ निर्मित चल पड़ा देश, बह चली विकासी धारा है 'कोई न भूखा' कहता हाकिम, पूछे कहां गरीबी है... Poetry Writing Challenge 1 88 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read वसुधैव कुटुंबकम वसुधैव कुटुंबकम काश कि कोई देश न होता, कोई भी जाति व धर्म न होता सारी पृथ्वी होती एक राष्ट्र, कोई भी देश विशेष न होता। अगर जो होता धर्म... Poetry Writing Challenge 1 83 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read कोहरा कोहरा कोहरा कौन है तुमसे डरता ? सुबह सवेरे जैकेट पहना गली-मोहल्ला घूम कर आया सड़क पर तूं पड़ा था लेटा। फुदकना चिड़ियों का बंद नहीं था भले डाल पर... Poetry Writing Challenge 1 117 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read असंपृक्तता असंपृक्तता कभी अस्पृश्यता बड़ी कोढ़ थी, कुछ हद तक वह आज भी है आज भयंकर रोग इक दूजा, असंपृक्तता जो जग में छाई है। किसी को मतलब नहीं किसी से,... Poetry Writing Challenge 1 100 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read सर्दी में मेरी सुबह खो गई सर्दी में मेरी सुबह खो गई सर्दी में मेरी सुबह खो गई, जाने किस खेत की मेंड़ पर थी कोहरे में शायद कहीं छिपी, अरसे से मेरी मुलाकात न थी।... Poetry Writing Challenge 1 56 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 2 min read सर्दी मैया बहुत भली सर्दी मैया बहुत भली (बाल गीत) सर्दी मैया बहुत भली, हर साल जो आती हो नए साल का स्वागत करती, दौड़ी आती हो ! तुम बाहर वृक्षों पर लटकी, जब... Poetry Writing Challenge 1 54 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read तपन सूरज की तपन सूरज की वह आदित्य जो सर्दियों में सुखद था ठिठुरती हवाओं में संबल सभी का अब बह चली अरि उमस भरी पछुआ दिनकर भी अब हिंसक हो चला है।... Poetry Writing Challenge 1 52 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read शांति के वाहक शांति के वाहक श्वेत पुष्प जो मिले बुद्ध से, शांति के वे परिचायक हैं शांति के संदेशे हैं वे, इस भू पर शांति के वाहक हैं। नर से भी आगे... Poetry Writing Challenge 1 52 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read फिर मुस्कुराएं फिर मुस्कुराएं चुप्पी प्रिये अब डराने लगी है चलो आज से हम फिर मुस्कुराएं। ज़माना है गुज़रा हमें गीत गाए चलो आज से हम फिर गुनगुनाएं। सारे ही ग़म तुम... Poetry Writing Challenge 1 55 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read सुभाष चंद्र बोस सुभाष चंद्र बोस भूले न कभी राष्ट्र, था ऐसा नाम एक अप्रतिम! सुभाष चंद्र बोस रहे, मां के लाल अप्रतिम! स्वतंत्रता इतिहास है, अधूरा बिना सुभाष के भयाक्रांत थे फिरंगी,... Poetry Writing Challenge 1 68 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read बसंत का स्वागत बसंत का स्वागत देख सखी झांका बसंत, अब तक जाने किस खोह में था थे पुहुप-पौध मुरझाई रहे, जाने शीत में कहां छिपा था। कोपल अब पौधन में दरसे, उद्यान... Poetry Writing Challenge 1 74 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read आंखें आंखें आंखें मेरी सत्य-शिव-सुंदर खोलें ये पलकें सुबह-सुबह, दुनिया सम्मुख दिखलाएं रात्रि-शयन तक, आजीवन। पलक बंद तो स्वप्न जागते सोते में स्वप्न मधुर लगते, किसी के स्वप्न जगा देते कोई... Poetry Writing Challenge 1 48 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read प्रकटो हनुमान प्रकटो हनुमान ! रामायण हमने सुन रखी है, पृथ्वी पर रामदूत आए थे पवनपुत्र अब पुनः पधारो, भक्तगण आस लगा बैठे हैं। पड़ोस में दुश्मन बहुत कुटिल हैं, गिद्ध दृष्टि... Poetry Writing Challenge 1 95 Share Rajendra Gupta 22 May 2023 · 1 min read राज दिल के राज़ दिल के नारी थी मैं, श्रद्धा थी, त्यागमूर्ति थी, प्रेमबंधी थी कैसे कहती राज़ दिल के, सीता थी, राधा-मीरा थी। शापित प्रभु की बाट जोहती, राज़ दिल के किसे... Poetry Writing Challenge · पच्चीस कविताएं 1 110 Share Rajendra Gupta 21 May 2023 · 1 min read सड़कों पर ऐसे क्यों चलते? सड़कों पर ऐसे क्यों चलते? सड़कों पर ऐसे क्यों चलते, हम बने हुए पागल ? आंखें मूंदे, फर्राटा भरते, एक हाथ हैंडल, स्टीयरिंग दूजे में पकड़े फोन, बात करते चलते... Poetry Writing Challenge 1 208 Share Rajendra Gupta 21 May 2023 · 1 min read सियासत सियासत देखो कैसा गदर मचा है, सत्ता को हथियाने की सबको लगता सही समय, शतरंजी गोट बिछाने की। अभी नहीं तो कभी नहीं फिर, अवसर नहीं गंवाने का दुश्मन को... Poetry Writing Challenge 1 200 Share Rajendra Gupta 21 May 2023 · 1 min read बचपन बचपन बचपन तूं हमेशा क्यों दौड़ा चला आता है? जवानी से भी ज्यादा तूं बचपन सुहाता है। यादों के सहारे तूं बेधड़क झांक जाता है बचपन तूं बुढ़ापे को दोस्त... Poetry Writing Challenge 1 67 Share Rajendra Gupta 21 May 2023 · 1 min read रामराज्य आ जाए रामराज्य आ जाए हे प्रभु! पुनः राम राज्य आ जाए कि जी भरकर तब 'राम' सुनाऊं। जनसाधारण जब कष्ट रहित हों, दैहिक दैविक भौतिक जो हो धनी गरीब जन सभी... Poetry Writing Challenge · पच्चीस कविताएं 1 98 Share