Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

हाय रे ठंडी!

हाय रे ठंडी !

हाय रे ठंडी ! हाय-हाय सर्दी !
कब तक तेरा जुल्म चलेगा, कब तक तेरी चलेगी मर्जी ?
हैं चमचे तेरे ऊनी कपड़े, शाल और स्वेटर, जैकेट सारे
सब उछल पड़े बक्से से बाहर, अब तक जो गुमनाम छिपे थे,
बस तेरे आने से पहले।
साथी तेरे रजाई-कंबल, उनमें भी अब खींचा-तानी ख़ुश हैं बेहद आने से तेरे, बाजार गरम करते मनमानी,
हाय रे ठंडी! हाय-हाय सर्दी!

अपनी तुझे है इतनी चिंता, दुश्मन से भी गले मिल रही
ताप यंत्रों * का बाजार गरम है, तूं ही इनका भला कराती
वे तो तेरे दुश्मन ठहरे, फिर भी इनका तूं नफ़ा कराती
खुद बने रहने की खातिर, उल्टा गुणा-भाग है करती
तुम भी ख़ुदग़र्ज़ इंसानों जैसे, तेरी है बेशक खुदगर्ज़ी हाय रे ठंडी ! हाय-हाय सर्दी !

सकल सरीसृप भू के अंदर, झींगुर, तिलचट्टे गायब हैं
इक्के दुक्के मशक दिख रहे, मात्र तेरी अगवानी में
दुनिया छिपी रजाई में है, काम-धाम तो क्या होगा !
काम रह गया सोना-खाना, कभी जो निकले धूप तापना
तुझे कहां नववर्ष ही भाया, दिखी हमें तेरी अलगरजी।
हाय रे ठंडी ! हाय हाय सर्दी !

आया है जो जाएगा भी, लगा हुआ नित आना-जाना
खुश न हो, जाओगी जल्दी, बहुत हुई तेरी बेदर्दी
पूरे बरस फिर बैठ कर रोना, कैसी अब तुझसे हमदर्दी !
हाय रे ठंडी ! हाय-हाय सर्दी !
***********************************************************
–राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, मौलिक/स्वरचित ।
*तापयंत्र = हीटर।

1 Like · 247 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajendra Gupta
View all
You may also like:
पुष्प की व्यथा
पुष्प की व्यथा
Shyam Sundar Subramanian
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
प्राण प्रतीस्था..........
प्राण प्रतीस्था..........
Rituraj shivem verma
खुदा जाने
खुदा जाने
Dr.Priya Soni Khare
प्यार की लौ
प्यार की लौ
Surinder blackpen
एक पते की बात
एक पते की बात
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दोस्ती...
दोस्ती...
Srishty Bansal
बंशी बजाये मोहना
बंशी बजाये मोहना
लक्ष्मी सिंह
फितरत
फितरत
Sidhartha Mishra
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
Dr. Man Mohan Krishna
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
पूर्वार्थ
ना मसले अदा के होते हैं
ना मसले अदा के होते हैं
Phool gufran
परी
परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम्हारा जिक्र
तुम्हारा जिक्र
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ 5 साल में 1 बार पधारो बस।।
■ 5 साल में 1 बार पधारो बस।।
*Author प्रणय प्रभात*
जय माता दी
जय माता दी
Raju Gajbhiye
हकीकत
हकीकत
अखिलेश 'अखिल'
सुखी होने में,
सुखी होने में,
Sangeeta Beniwal
3138.*पूर्णिका*
3138.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
बीजः एक असीम संभावना...
बीजः एक असीम संभावना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आफ़त
आफ़त
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
जीवन तब विराम
जीवन तब विराम
Dr fauzia Naseem shad
पानी
पानी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
देख कर उनको
देख कर उनको
हिमांशु Kulshrestha
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
Bodhisatva kastooriya
Loading...