मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' Poetry Writing Challenge 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read जीवन हमारा रैन बसेरा जीवन हमारा रैन बसेरा मूर्ख करता है मेरा मेरा प्राण का पंछी बंद पिंजरे से उड़ना चाहता है स्वच्छंद हाड़, मां का बना है कारा इस पिंजरे में ऋषि का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 144 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read अतीत के सपनों का देखा मैने घर के आंगन में गुलाब को देखा उस पर तितलियों के झुरमुट को देखा विभिन्न रंगों के गुलाबों को देखा तितलियों को गुलाब पर मंडराते देखा कभी ऊपर-नीचे कभी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 235 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read रिम झिम रिम झिम वर्षा आई… बादल गरजे बिजली कड़की रिम झिम रिम झिम वर्षा आई संग अपने खुशियां हजार लाई बच्चों ने छाता ले नाव चलाई रिम झिम रिम झिम वर्षा आई… मिट्टी से सौंधी... Poetry Writing Challenge · कविता 223 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read तुम मेरी क्या हो ? तुम तो स्वच्छ चांदनी सी कोमल वंदनी तुम मेरी क्या हो हृदय की रागनी हो या स्पर्श प्रथम हो तुम मीठी चुभन हो या प्रणय की वेदना हो तुम उम्र... Poetry Writing Challenge · कविता 202 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read आया मौसम बरसात का आया प्यार भरा मौसम बरसात का नई नई उमंगों और तरंगों का ढ़ोल, मंजीरे, शराब और मस्ती का मन में भरी प्यारी उमंगों का चलो बरसात के महीने में मस्ती... Poetry Writing Challenge · कविता 364 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read निस्वार्थ प्रेम का नाम है पापा दुनिया में निस्वार्थ प्रेम का नाम है पापा टूटे हिम्मत तो कभी हौंसले का नाम है पापा डरे मन तो हिम्मत का नाम है पापा कड़ी धूप में छांव का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 774 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read सजना मेरे आजा रे… आजा रे…आजा रे… सजना मेरे आजा रे… तुझे प्रीत के गीत बुलाएं तू कहां छिपा रे आजा रे…आजा रे… सजना मेरे आजा रे… खुशी के दिन प्रीत के क्षण वो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 253 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read तुम तुम प्यार भरी अंखियां हो तुम सौंदर्य का एक रस हो मन की वीणा की सरगम हो दिल में उठती एक उमंग हो उम्र की दहलीज का एक कदम हो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 228 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read कभी कम न हो… चाहो तो ऐसे चाहो कि चाहत कभी कम न हो उड़ो तो ऐसे उड़ो कि हिम्मत कभी कम न हो हंसों तो ऐसे कि मुस्कराहट कभी कम न हो जख्म... Poetry Writing Challenge · कविता 1 213 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read रूठी प्रियसी हे प्रिये तुझे अहसास नहीं मेरे दर्द का तुझे अहसास नहीं जिंदगी का तुझे अहसास नहीं समय सागर से मिलेगा एक दिन इसका तुझे अहसास नहीं भोली भाली कलिया सी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 186 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read तुम्हारा विश्वास न था पत्तों में हुई सरसराहट मगर कोई पास न था तुम आओगी यहां मुझे विश्वास न था… राहों में देखे सुर्ख फूल बहुत से तेरे अधरों के सुर्ख होने का आभास... Poetry Writing Challenge · कविता 1 191 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read नया वर्ष आज का दिन बड़ा सुहाना लगता है… जिसको देखो वह मस्ताना लगता है… आज का सूर्य भी भला सा लगता है… आज का दिन सबको प्यारा लगता है… आज का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 193 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read मेरे पापा… पापा तुमने हमे सन्मार्ग पर चलना सिखाया समाजसेवा का मूल मंत्र आपने बताया अच्छी अच्छी सामाजिक बातों को समझाया आपकी छत्र छाया में पौधे से बढ़कर वृक्ष बने… पापा आप... Poetry Writing Challenge · कविता 1 193 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read सपनों का महल सपनो का महल जो बिना आधार खड़ा है उसके चित्र अपनत्व के है स्मृति के रूप में खड़ा है भग्नावशेष खंडर सा मूक हिमालय सा खड़ा है विचारों की लड़ी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 205 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read जुल्फ जब खुलकर बिखर गई जुल्फ जब खुलकर बिखर गई याद सावन की आ गई अजीब मेरी हालत है ऐसे में बस याद तेरी आ गई मौसम बना रेशमी भीगा वस्त्र आंखों में रोशनी सी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 180 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read गीत की लय… अर्पणा याद की पीली पड़ी पहचान में राग गूंजता तुम्हारा बन अतीत हो गंध जैसे सुन्दर कुसुम में जाग उठी लय तुम्हारा गीत हो सांझ जा अंजरी सम पिघलती है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 108 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा फूल में ही तो रगत का मेल मिला फूल पे तितली का बैठना अच्छा लगा खिजाओं में फिजाओं में रंग आने लगा बहारों... Poetry Writing Challenge · कविता 89 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read पर्यावरण और मानव पेड़ लगाकर पर्यावरण बनाएं धरती मां को हरा-भरा बनाएं बीमारियों से देश को बचाएं धरती मां सबकी माता है जड़-चेतन से सभी का नाता है शुद्ध पर्यावरण से वर्षा होगी... Poetry Writing Challenge · कविता 102 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां… बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां… ये युद्ध भी थमेगा, क्रोध भी थमेगा थमेगी ये प्रतिशोध की ज्वाला मिल जाएंगे दुश्मन भी गले और छलकाएंगे प्रेम का प्याला पर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 100 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read मधुमास बना जीवन मधुमास बना मेरा जीवन भावनाओं को संजोकर अविराम चलता रहता है मानव तो परिस्थितियों का दास बनकर चलता रहा है… जीवन नौका सा डग मग डोलता चलता रहता है… जीवन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 95 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read सजना मेरे आजा रे… आजा रे…आजा रे… सजना मेरे आजा रे… तुझे प्रीत के गीत बुलाएं तू कहां छिपा रे आजा रे…आजा रे… सजना मेरे आजा रे… खुशी के दिन प्रीत के क्षण वो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 84 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read चली रे चली मेरी पतंग चली… चली रे चली मेरी पतंग चली होके डोर पे सवार मेरी पतंग चली इठलाती लहराती मेरी पतंग चली कभी जमी तो कभी आसमां छूती देखों पक्षियों से कैसे बाते करती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 77 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read बम्बई नगरिया सोने की चिड़िया है बम्बई नगरिया गांव और शहरों की है यह नगरिया रास-रंग और सौंदर्य से भरी है यह नगरिया देश-विदेश के आकर्षण का केंद्र है यह नगरिया जूहू,... Poetry Writing Challenge · कविता 113 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read वर्षा वर्षा का प्यारा मौसम आया मलय पवन का झोंका लाया दादुर, मोर, झिंगुर, पपीहा ने शोर मचाया मनभावन वर्षा का मौसम आया आमो, लीची मौसमी फलों को साथ लाया जामुन... Poetry Writing Challenge · कविता 106 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read माटी है मेरे देश की चंदन माटी है मेरे देश की चंदन सत् सत् बार करूं मैं नमन गंगा और यमुना बहती है पूर्वजों की कथा कहती है इस माटी में पैदा हुए संत महान इस... Poetry Writing Challenge · कविता 101 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read भजन कौशलनंदन रघुनाथ हरि, तुम ही एकनाथ हमारे हो। यदुनंदन के यदुनाथ हरि, तुम गोकुलनाथ हमारे हो। युग क्रम परिवर्तन कर राघव, राधे माधव राधे माधव हे गुरुकुल के अतिउपकारी, तुम... Poetry Writing Challenge · कविता 67 Share