Dr Manju Saini Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:दिशाहीन नही हूँ मैं २५- ऐ जिंदगी..! मैं दिशाहीन नही हूँ बस तुझे समझने को प्रयासरत हूँ कभी परिभाषित तो कभी शून्य पाती हूँ कभी खुद को खुद में समेट लेना चाहती हूँ कभी... Poetry Writing Challenge 3 201 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:मुक्ति २४- मुक्ति कैसे मुक्त हो जाऊँ बोलो जब जब दर्द मिलता हैं दर्द की पीड़ा होती हैं मुझे भी.! मुक्ति मन शांत ही नही होता रह रह टीस उठती हैं... Poetry Writing Challenge 2 249 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:दर्द स्त्री का २३- नहीं था पता उसे नही परख पाई थी उसकी छल भरी चाल को इच्छाओं का पिटारा जो खोल रख दिया था अपनत्व से अपना सिर्फ अपना मान कर चलती... Poetry Writing Challenge 2 178 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:प्रश्न चिन्ह २२- न जाने क्यों.. जीवन के इस सफ़र में, बस यूँ ही चलते चलते न जाने क्यों एक ऐसा मोड़ आया है, जहां से एक नया राही हमसफ़र बनने की... Poetry Writing Challenge 2 386 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:आवाज लेखनी की २१- मेरी लेखनी प्रेम लिखती है औऱ कभी कभी विद्रोह करती है कभी कभी सुंदर से स्वप्न बुनती है कभी कभी जल सी द्रवित बहती है ढलती हैं कभी मेरे... Poetry Writing Challenge 1 265 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:माँ की विदाई २०- माँ की विदाई माँ आपकी जो इच्छा थी अंतिम पूर्ण की आज मैने,अपने हाथों करके आपका अंतिम संस्कार और करुँगी अस्थि विसर्जन विधि भी हर वो संस्कार पूर्ण करुँगी... Poetry Writing Challenge 1 217 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:माँ १९- लाखो गम सहेज कर मुझे बहदुर बनाती है मेरी मां अच्छे बुरे का फर्क करना सिखाती हैं मेरी मां जो मेरे लिए सारे जहां से झगड जाती हैं मेरी... Poetry Writing Challenge 1 92 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:भीना बसंत १८- बसंत आने से भीनी भीनी सुगंध फैलती है महक उठता है उपवन सारा बसंत आने से आ जाती है बहार चारों ओर होती हरियाली बसंत आने से दिल में... Poetry Writing Challenge 1 72 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:माँ मेरी परिकल्पना १७- माँ ह्रदय में बसी आस्था हैं माँ विश्वास का प्रतीक हैं माँ संवेदना भरी वेदना है, माँ मेरे मन की भावना है, माँ ही तो सुखद अहसास है माँ... Poetry Writing Challenge 1 108 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:मैं स्त्री हूँ १६- जी हाँ मैं स्त्री हूँ…. जो मोहब्बत सिखाये मैं वहीं हूँ हर रिश्ते को शिद्दत से निभाये वहीं हूँ कभी बेटी तो कभी बहन रूप निभाती हूँ माँ रूप... Poetry Writing Challenge 2 107 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 2 min read शीर्षक:तेरा ही अंश हूँ माँ १५- माँ मुझे बोझ मत समझो मैं भी अंश तुम्हारा हूँ अजन्मा ही मत मारो मुझको मैं भी खून तुम्हारा हूँ माँ हो मेरी फिर साथ क्यो देती हत्यारो का... Poetry Writing Challenge 1 93 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:जीवन की सच्चाई १४- जीवन चलता है निर्बाध अविरल गति से अपनी लय को लिए उम्र के एक पड़ाव पर आकर लगता हैं क्या किया हमने और आये क्या करने थे जीवन मे... Poetry Writing Challenge 1 101 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:बिल्कुल हूबहू १३- मेरे शब्द-शब्द में झलकते हो अदृश्य छवि बन शब्द जो कहते हैं मेरी व्यथा जो छू जाते हैं मेरे दर्द को हूबहू मेरे अंतर्मन की काल्पनिक व्यथा को शब्दों... Poetry Writing Challenge 1 91 Share Dr Manju Saini 7 Jun 2023 · 2 min read अतीत के पन्ने १२- आज भी अतीत के पन्नें पलटती हूँ तो... मेरे पापा मुझे आज भी बहुत याद आते हैं। मेरे लिए धरती पर मेरे भगवान हुआ करते थे मेरे परिवार का... Poetry Writing Challenge 1 88 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 2 min read शीर्षक:अकेली कहाँ ११- आत्मीयता से भरी हाथों में प्रेम की प्रगाढ़ लकीरें मेरी नियति को मानों प्रदर्शित कर रहीं हों शब्द भी मानों आज निर्बंध से हो रहें हैं बोलने को न... Poetry Writing Challenge 3 412 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:निर्झर शब्दलहर १०- आँसुओं से निर्झर अश्रु श्रँखला निर्बाध बह चली मानों दोनो के मध्य संधि अनुबंध करार बना चली अविरल अश्रु धारा मानों तटीबन्ध तोड़ बस चली वो मन मे दबी... Poetry Writing Challenge 2 166 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:बिटिया क्यों मेरे घर आई ९- कब हो पाता हैं अभिमान पैदा होते ही चर्चा बिटिया आई नही आया वंश वर्द्धन हमारा मान तभी शुरू हुआ कानों में चर्चा आई क्यों बिटिया तुम मेरे घर... Poetry Writing Challenge 2 1 190 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:फागुन की बयार ८- धुंध, कुहासा छट गया सूरज भी चादर ओढ़ चला शीत भी मानो रूठ गई ठिठुरन भी थोड़ी ठिठक गई सरसों पर पीले फूल खिले पेडों पर पत्ते फूट चले... Poetry Writing Challenge 2 310 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:एकाकार… ७- मन शांत लिए ही स्थिर सी आज बैठ गई थी मानों एकाग्रता में सोच पाऊँगी अपने को व अपने भविष्य को झांक पाऊँगी स्वयं में, अपने ठहराव को ठहराव... Poetry Writing Challenge 2 288 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:बतलाओ कौन ६- गुप्प अँधेरा…. अमावस का चाँद परछाईं लापता फिर बताओ सगा कौन..? छलकाती आँखे बेशुमार सपने नींद गायब फ़िर दिखाए कौन…? काँच का शीशा चेहरा एक मगर टूटे तो हुए... Poetry Writing Challenge 2 212 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:भाव हिलोर ५- मन में उठते भाव हिलोर शब्द रूप में दिए उकेर मनोभाव एक अंतहीन सी प्रकिर्या अथक,असीम,अदम्यता लिए बेचैनी सी आह्लादित करती हुई आज कागज पर शब्द मन की पीड़ा... Poetry Writing Challenge 2 210 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:प्रकल्प मेरा संकल्प मेरा ४- प्रकल्प मेरा संकल्प मेरा… लेखनी से शब्द रूप मै दे पाउँ… नव प्रभात नव संचार मिलेगा खुशियों का उपहार मिलेगा कलम में मेरी धार रहेगी नित नई रचना कर... Poetry Writing Challenge 2 283 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:खंड खंड अखंड ३- पत्थरों के गलियारे से निकलते हुए न जाने क्यों ध्यान आकर्षित हुआ पत्थरों को तराशकर कितना खूबसूरत आकार दे दिया गया मजदूर के हाथों ने उस ऊँची इमारतों से... Poetry Writing Challenge 2 179 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:अभ्युदय मिलन का २- डूबते सूरज को देख आज कितनी बार डूबी मैं तेरी यादों में कहीं एक आस सी लिए मन में सोचती रही कि अभ्युदय होगा पुनः सूरज की तरह ही... Poetry Writing Challenge 2 93 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:आखिर क्यों १- रेगिस्तान की भूमि पर सोच रही थीं मैं दूर दूर तक कोई रहने वाला नही था वहाँ पर्यटक आते व लौट जाते आखिर.. क्यों..? क्या रेत के टीले की... Poetry Writing Challenge 2 96 Share