Vishnu Prasad 'panchotiya' Poetry Writing Challenge 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vishnu Prasad 'panchotiya' 8 Jun 2023 · 1 min read यह कौन सा विधान हैं? सुन रही वसुंधरा सुन रहा है गगन सुमधुर गीत आज गुनगुना रही पवन। प्रभात सूर्य तेज लिए पूर्व मुस्कुरा रहा लाल ताम्र रंग की रश्मियाँ लुटा रहा। कली-कली खिल उठी... Poetry Writing Challenge · गीत · गीतिका 373 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 1 Jun 2023 · 1 min read कहते हैं हम कहते हैं हम सुन पाकिस्तान कान खोलकर आज सीधे-सीधे आजा अपनी हरकतों से बाज। क्यों हमारे जागीरो पर नजर गड़ा कर बैठा है आतंकवाद को पनाह देता तु आतंकवाद का... Poetry Writing Challenge · कविता 268 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 31 May 2023 · 1 min read श्री कृष्ण का चक्र चला असुर दैत्य दुष्ट पापियों का जब जब धरा पर पाप बढ़ा साधु संत ऋषि मुनियों पर जब इनका अत्याचार बढ़ा तब तब धर्म की रक्षा हेतु प्रभु श्री कृष्ण का... Poetry Writing Challenge · कविता 458 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 30 May 2023 · 1 min read मैं राम का दीवाना मैं राम का दीवाना राम राम जपता हूंँ अपने हृदय में छवि श्रीराम की रखता हूँ। तुम हो मेरे आराध्य मेरे रामजी हो तुम हो दिनों के नाथ दीनानाथ जी... Poetry Writing Challenge · गीत · गीतिका 1 473 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 30 May 2023 · 1 min read हे कृतघ्न मानव! हे मानव! तू कितना कृतघ्न है। जिस वृक्ष ने तुझे जीवन दिया तु उसे निर्दयता से काटा जा रहा तू इतना निर्दय कब हो गया? जो तुझे सांस देते रहे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 663 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 May 2023 · 1 min read जीवन के खेल जीवन का खेल समझ ना आया कभी धूप तो कभी छाया जो चाहा क्या मिला मुझे? आज तक कुछ समझ ना पाया ज्वार भाटा के समान आते रहे उतार-चढ़ाव मैं... Poetry Writing Challenge · कविता 101 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 May 2023 · 1 min read सुनो पुलिस जी सुनो पुलिस जी रिश्वत खाना छोड़ भी दो सरकार। वरना पछताओगे रिश्वत खाने के बाद। जनता बेचारी पर करते मनमानी और नेताओं का भरते तुम पानी पैसा तो खाते हो... Poetry Writing Challenge · कविता 113 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 May 2023 · 1 min read रंग बदलते आप नेता गिरगिट के समान ,रंग बदलते आप। अपने वोट के खातिर ,कहे पुण्य को पाप। प्यारे भारत देश का, करते तुम ना मान जब देखो बस लगत हो, करने को... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 2 89 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 May 2023 · 1 min read नाच ना आवे आंगन टेढ़ा विद्वानों को समझ न आये अपने काम को सही बताएं परिस्थिति पर दोष लगाये अपनी गलती पर पर्दा डाले जो अभ्यास की कमी रही मेहनत पर क्यों जी लगाए अल्प... Poetry Writing Challenge · कविता 1 88 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 May 2023 · 1 min read आजादी का दीवाना था था गजब फौलादी वह आजादी का परवाना था आजाद रहा न झुका कभी आजादी का दीवाना था। ब्राह्मण कुल में जन्मा पर वह वनवासी संग रहता था उन मित्रों संग... Poetry Writing Challenge · कविता 1 676 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 28 May 2023 · 1 min read श्याम की बंसी श्याम की बंसी की धुन सुन सुन कर गोपीकायें व्याकुल होने लगी है। चली यमुना तीर दौड़ी-दौड़ी टोली टोली सुधी अपनी वे भूलने लगी है। मोद भरे घनश्याम के मोह... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 171 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 28 May 2023 · 1 min read एक तेरे नाम पर हजारों आँसू पी गई वह एक तेरे नाम पर दर बदर फिरती रही वह एक तेरे नाम पर। क्या होता दिल का लगाना थी नही वह जानती पर कब दीवानी... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 1 187 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 28 May 2023 · 1 min read जीवनसाथी वह रात सुहानी रात थी जिसमें आए थे अनेक बराती उनसे क्या मुझको लेना देना मेरा तो केवल एक ही था साथी वह बना मेरा जीवन साथी। गठबंधन का पवित्र... Poetry Writing Challenge · कविता 71 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 28 May 2023 · 1 min read संबंधों का मेला है विधाता की इस सृष्टि में संबंधों का मेला है। पर लोगों की इस भीड़ में हर व्यक्ति अकेला है। भौतिक सुख की चाह में क्यों भाग रहा है प्राणी। जितने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 90 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 28 May 2023 · 1 min read जीवन का सुख मैंने अपने जीवन की नाव को धकेला था एक सुंदर सुखद टापू की खोज में। मन आशा से भरा हुआ कि संभवतः जीवन के सुख का आनंद उस पड़ाव पर... Poetry Writing Challenge · कविता 100 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 27 May 2023 · 1 min read अहंकार हर व्यक्ति में एक विकार भरा हुआ है अपार अहंकार ही अहंकार ना समझ सका स्वयं वह रावण जिसने उसके कुल का विनाश किया वही तो था अहंकार था कंस... Poetry Writing Challenge · कविता 470 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 27 May 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम जगत की रित यही, प्रेम भये सब होय यह तो निर्मल धार है, शितल करे सब कोय। निश्छल हृदय प्रेम बसे, कपट न जिसको भाय जैसे मीरा बावरी, गिरधर... Poetry Writing Challenge · दोहा 301 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 27 May 2023 · 1 min read बरसाती बयार तपती वसुधा को शीतल करने चली बयार बरसाती बयार। संग लाई अपने बूंदों की लड़ियाँ और माटी की सौंधी सुगन्ध कृषको की आँखों में चमक और होठों पर मधुर मुस्कान... Poetry Writing Challenge · कविता 1 193 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 26 May 2023 · 1 min read भेड़ चालों का रटन हुआ अब गाँव सारा पट चुका है वाहन के शोर शराबे से बचपन के सब खेल चले गए मोबाइल के आ जाने से । गाँवों का वह आम आदमी आमों से... Poetry Writing Challenge · कविता 131 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 26 May 2023 · 1 min read प्यारा सुंदर वह जमाना कवि हूँ मैं तो गाँव का शहर न मुझको रास आता गाँव में हूँ पला बड़ा गाँव ही मुझको है भाता। पर गाँव भी अब वह कहाँ रहा जैसा पहले... Poetry Writing Challenge · कविता 1 383 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 24 May 2023 · 1 min read तितली रानी तितली रानी तितली रानी मेरे पास भी आओ ना अपने प्यारे रंग - बिरंगे पंख हमे दिखलाओ ना। कितनी फुर्ती तुम में भरी है कितनी चंचलत हो तुम पल में... Poetry Writing Challenge · कविता · बाल कविता 361 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 23 May 2023 · 1 min read दिहाड़ी मजदूर अब भोर हुई बस यही चिन्ता संध्या भोजन का क्या होगा। कुछ कला नहीं जिन हाथो में जिसने शिक्षा न पाई है कभी दिहाड़ी मजदूरी कर के ही तो अपनों... Poetry Writing Challenge · कविता 382 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 22 May 2023 · 1 min read बरसो रे मेघ (कजरी गीत) प्यासी धरती की तृष्णा मिटाओ रे मेघ। आज गरजो नहीं तुम बरसो रे मेघ। कब से राहें तुम्हारी अपलक देख रही ग्रीष्म भर तपती जेष्ठ भर जलती प्यासी अवनी की... Poetry Writing Challenge · गीत 1 357 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 20 May 2023 · 1 min read प्रभु जी हम पर कृपा करो प्रभु जी! हम पर कृपा करो बरसओ अपना आशीर्वाद हम नेक राह पर चला करें दो हमें ऐसा वरदान। दुखियों के दुख दूर करें हो हम में ऐसे संस्कार गुरुजनों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 469 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 20 May 2023 · 1 min read शरद निशा आज शरद निशा की चांदनी की छटा निराली है। धरती की सुंदरता हृदय को भाने वाली है। स्वच्छ – निर्मल नभ मंडल में, तारे उज्जवल चमक रहे हैं झिलमिल करते... Poetry Writing Challenge · गीत 278 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 20 May 2023 · 1 min read फूल और कांटे फूल को देखिए, खुशबू को लीजिए। व्यक्ति को न देखिए, गुणों को लीजिए। फूल के कई हे रंग व्यक्ति के कई हे ढंग रंगों को लीजिए न कि ढंगो को... Poetry Writing Challenge · कविता 321 Share