शिवम राव मणि Poetry Writing Challenge 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शिवम राव मणि 28 May 2023 · 1 min read यथार्थ रूप भाग 4 किसी से घृणा का भाव सदैव उस मार्ग की ओर ले जाता है जहाँ एक छोटी, परन्तु तीक्ष्ण किरण हमारे उस विचार को उजागर करती है जो क्रोध में आकर... Poetry Writing Challenge 107 Share शिवम राव मणि 28 May 2023 · 1 min read यथार्थ रूप भाग 3 मन को संकुचित कर, अपनी आवश्यकताओं को एक बीज की भाँती ह्रदय में दबाकर स्वार्थभाव से विहीन होते हुए, प्रकाश के समरूप एक उद्धृत स्वभाव जब विपदाओं में घिरकर प्रगति... Poetry Writing Challenge 203 Share शिवम राव मणि 28 May 2023 · 1 min read यथार्थ रूप भाग 2 चरित्र का व्याख्यान ना तो व्यग्र, ना ही सूझ-बूझ और ना ही ह्रदय की कोमलता कर सकती हैं। जबकि व्यवहारिक तौर पर अस्तित्व का ज्ञान किसी के स्वभाव को अधूरा... Poetry Writing Challenge 210 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read यथार्थ रूप भाग 1 निश्छलता को जन्म देती हुई जब एक आस, मन में ठहरती है तो चिंताओं के उष्ण में जलते हुए वह धूं-धूं करती दुविधाओं में तपकर, तामस की तरह अभेद हो... Poetry Writing Challenge 214 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read मैं क्या उदधि पाऊंगा? बूँद भरके भी, मैं क्या उदधि पाऊँगा? अचरज होता है रोज और रोज एक विश्वास बनता है, बिलकुल ही शांत सुबह के उस खास लम्हें को देखकर जब चिड़िया चहचहाती... Poetry Writing Challenge 164 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read कितने दिनों बाद आज वाकई कितने दिनों बाद, सुकुन भर नींद मिली। ना ही वो रात चुभी ना ही कोई बैचेनी हुई ना ही वो दर्द उठा और ना ही बेवजह आँखें खुली।... Poetry Writing Challenge 181 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read जिंदगी भी क्या है? जिंदगी भी क्या है? ज़रा से फासलों में कई रंग लिए है। एक पल महरूम है, तो दूसरे ही पल बहती नीर है, पानीयों सी बेरंग है, जिस ओर बहलाओं... Poetry Writing Challenge 301 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read ऐसा एक ख्याल है ऐसा एक ख्याल है, कि कभी रोज, जब ये सूरज नहीं दिखेगा बादलों के सहारे जब उजाला बिखरेगा सड़कों पर कोई छाया धुंधली सी होगी, मन में इश्रत की चाह... Poetry Writing Challenge 254 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read कभी जिए होते आकाश में कभी बेशक जिए होते आकाश में तो खुलकर जिए होते जीने की आरजू पर पहली बूँद लिए होते तो भीग जाते खुशियों की झामाझोर में उन्हें बादलों से छीन लिये... Poetry Writing Challenge 200 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read अगर हो तुम अगर हो तुम मुझमे कहीं, हो तुम मुझमें बैठे वहीं, जहाँ मेरी अर्जीयां जाती हैं तुमसे मिलने, तड़पती हैं तुम्हारे आँगन में, गुंजती हैं तुम्हारे घर आकर मेरी देह में,मेरी... Poetry Writing Challenge 86 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read मेरे वेदन पुकार से मेरे वेदन पुकार से, गूंजेगा, ऊँचा तेरा भवन विशाल । शोभित है दुखों की माला इन्हें पहन मुझमें शोभा कैसी, छुआ है हर पहर तुम्हारे बिन यह महसूस कर आया... Poetry Writing Challenge 174 Share शिवम राव मणि 23 May 2023 · 1 min read उठो तुम उठो, उठो तुम ओ! अघात हुए मन उठो तुम। हाँ माना संकट तो है तुम चोटिल भी हो चुके हो निराशा से उदास भी हो और कोशिशों से हार चुके... Poetry Writing Challenge 46 Share शिवम राव मणि 21 May 2023 · 1 min read गुमानी एहसास कई एहसास बिन बताए ही ख्वाबों में आकर, गुफ्तगू करके चले गए। थकी थकी पलकें यूँ मुरझाई पलकें, ढक लेती हैं जब जब आंखों को आहिस्ते से, तो ख्वाबों की... Poetry Writing Challenge · कविता 246 Share शिवम राव मणि 20 May 2023 · 1 min read अंतः परिचय निरन्तर गहरे एक अन्धक सफर में, मैंने एक रोशनी को पहचाना है जो झिलमिलाती हुई बहुत दूर, या नज़दीक मेरे कहां है ? मुझे यह मालूम नहीं, मगर मेरे और... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 121 Share