महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 24 May 2023 · 1 min read माँ की ममता माँ की वो ममता रही, और पिता का प्यार दोनों से मिलता रहा, हरदम प्यार-दुलार हरदम प्यार-दुलार, बहन-भाई संस्कारी इक-दूजे के प्राण, सभी हैं आज्ञाकारी महावीर कविराय, नहीं है चिन्ता... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 2 279 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 24 May 2023 · 1 min read तसव्वुर का नशा तसव्वुर का नशा गहरा हुआ है दिवाना बिन पिए ही झूमता है नहीं मुमकिन मिलन अब दोस्तो से महब्ब्त में बशर तनहा हुआ है करूँ क्या ज़िक्र मैं ख़ामोशियों का... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 2 298 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 24 May 2023 · 1 min read अन्ना आन्दोलन से उपजी दो ग़ज़लें (1) जो व्यवस्था भ्रष्ट हो, फ़ौरन बदलनी चाहिए लोकशाही की नई, सूरत निकलनी चाहिए मुफ़लिसों के हाल पर, आँसू बहाना व्यर्थ है क्रोध की ज्वाला से अब, सत्ता बदलनी चाहिए... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 1 193 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 24 May 2023 · 1 min read शब्द यदि हर अर्थ का शब्द यदि हर अर्थ का, पर्याय होता जायेगा भाव का व्यापक बड़ा, समुदाय होता जायेगा कवि हृदय से फूटकर जब गीत का होगा जनम काव्य का आरम्भ इक, अध्याय होता... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 2 241 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read होली के त्यौहार मस्ती का त्यौहार है, खिली बसंत बहार फूलों की मकरंद से, सब पर चढ़ा ख़ुमार सब पर चढ़ा ख़ुमार, आज है यारो होली सब गाएँ मधुमास, मित्रगण करें ठिठोली महावीर... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 215 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read जनतन्त्र गीत ये दुनिया खेल-तमाशा है ये ड्रामा अच्छा-खासा है गूगल सी कोई भाषा है ये इसरो भी क्या नासा है ये दुनिया खेल...... ये गोरख धन्धे वो जाने जो खुद को... Poetry Writing Challenge · कविता 2 129 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read कोरोना दोहा नवमी कोरोना ने विश्व को, दिया अजब सन्देश कुदरत का सम्मान हो, दिया ग़ज़ब आदेश //1.// है कोरोना से दुखी, यह समस्त संसार समय अभी है चेतिए, बदलो दुर्व्यवहार //2.// कोरोना... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 412 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 2 min read षोडश दोहा वृष्टि शीतलता चारों तरफ़, आई बरखा झूम मन उपवन में कोकिला, कूक मचाये धूम // 1. // प्रेम मयूरा नाचता, आग लगी घनघोर बारिश में तन भीगता, हिया मचाये शोर //... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 204 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 2 min read एक मई का दिन कुछ भी तो ठीक नहीं इस दौर में! वक्त सहमा हुआ एक जगह ठहर गया है!! जैसे घडी की सुइयों को किसी अनजान भय ने अपने बाहुपाश में बुरी तरह... Poetry Writing Challenge · कविता 1 149 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read पाँव पाँव थककर भी चलना नहीं छोड़ते जब तक वे गंतव्य तक न पहुँच जाएँ ... थक जाने पर कुछ देर राह में विश्राम कर पुन: चल पड़ते हैं अपने लक्ष्य... Poetry Writing Challenge · कविता 1 122 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read पतन मानव को अनेक चिन्तायें चिन्ताओं के अनेक कारण कारणों के नाना प्रकार प्रकारों के विविध स्वरुप स्वरूपों की असंख्य परिभाषायें परिभाषाओं के महाशब्दजाल शब्दजालों के घुमावदार अर्थ प्रतिदिन अर्थों के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 215 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read मवाद धर्म जब तक मंदिर की घंटियों में मस्जिद की अजानों में गुरूद्वारे के शब्द-कीर्तनों में गूंजता रहे तो अच्छा है मगर जब वो उन्माद-जुनून बनकर सड़कों पर उतर आता है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 151 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read दृढ़ता कभी आश्रित नहीं जीवन कभी मोहताज नहीं होता मोहताज तो होता है हीन विचार, निजी स्वार्थ और क्षीण आत्मविश्वास । क्योंकि यह मृगमरीचिका व्यक्ति को उस वक्त तक सेहरा में भटकती है जब... Poetry Writing Challenge · कविता 1 150 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read दस्तक काल के कपाल पर अगर मेरी रचनाएँ दस्तक नहीं दे सकती बुझे हुए चेहरों पर रौनक नहीं ला सकती मजदूरों के पसीने का मूल्यांकन नहीं कर सकती शोषण करने वालों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 201 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read मन्त्रमुग्ध गढ़वाल 'गढ़वाल' जैसे किसी चित्रकार की कोई सुन्दर कलाकृति बावजूद आधुनिक संसाधनों के अभाव में यहाँ निरंतर प्राकृतिक सौन्दर्य के भाव में छिपी है अध्यात्मिक भूख और आत्मतृप्ति भौतिकवाद दिखावे के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 106 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read जीवन आधार फूल नर्म, नाजुक और सुगन्धित होते हैं उनमें काँटों-सी बेरुखी कुरूपता और अकड़न नहीं होती जिस तरह छायादार और फलदार वृक्ष झुक जाते हैं औरों के लिए उनमें सूखे चीड़-चिनारों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 127 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read हाइकु देखो बाबू जी पाँच सात पाँच का ये जादू जी सोच न पाया जीवन मोहमाया जग पराया सोच विचार तू कई-कई बार मान न हार इन्टरनेट रखता है हमको अप... Poetry Writing Challenge 1 87 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read महानगर में कौन से उज्जवल भविष्य की खातिर हम पड़े हैं— महानगर के इस बदबूदार घुटनयुक्त वातावरण में । जहाँ साँस लेने पर टी०बी० होने का खतरा है जहाँ अस्थमा भी बुजुर्गों... Poetry Writing Challenge · कविता 2 188 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read टूटा हुआ दर्पण एक टीस-सी उभर आती है जब अतीत की पगडंडियों से गुजरते हुए यादों की राख़ कुरेदता हूँ । तब अहसास होने लगता है कितना स्वार्थी था मेरा अहम? जो साहित्यिक... Poetry Writing Challenge · कविता 1 69 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read आदि सृष्टि से... एक कण से दूसरे कण तक.... एक प्राण से दूसरे प्राण तक.... पुरातन चेतन से नवचेतन तक.... न टूटने वाली निरन्तर सतत प्रक्रिया है आदि सृष्टि से .... भविष्य के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 85 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read विचित्र अनुभूतियाँ रात मेरे कवि हृदय में उपजीं कई विचित्र अनुभूतियाँ— देख रहा हूँ कुंठित भाव संकुचित हृदय आँखों में अश्रुधार लिए बैसाखियाँ थामे खड़े हैं विश्व के समस्त असहाय पत्रकार! अनुभूतियाँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 54 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 May 2023 · 1 min read कविता की नदिया शब्द कहें तू न रुक भइया कदम बढ़ाकर चल-चल-चल-चल कविता की नदिया बहती है करती जाए कल-कल-कल-कल कविता की नदिया बहती है………. काग़ज़ पर होती है खेती हर भाषा के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 239 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 May 2023 · 1 min read अपने भीतर, तू निरंतर अपने भीतर, तू निरंतर, लौ जला ईमान की तम के बादल भी छंटेंगे, यादकर भगवान की अपने भीतर तू निरंतर ………………….. है खुदा के ही नूर से है, रौशनी संसार... Poetry Writing Challenge · गीत 1 171 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 May 2023 · 1 min read दोहा गीत मैंने इस संसार में, झूठी देखी प्रीत मेरी व्यथा-कथा कहे, मेरा दोहा गीत मैंने इस संसार में …. मुझको कभी मिला नहीं, जो थी मेरी चाह सहज न थी मेरे... Poetry Writing Challenge · गीत 1 276 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 May 2023 · 1 min read ज़बानें हमारी हैं सदियों पुरानी ज़बानें हमारी हैं, सदियों पुरानी ये हिंदी, ये उर्दू, ये हिन्दोस्तानी ज़बानें हमारी हैं…. कभी रंग खुसरो, कभी मीर आए कभी शे’र देखो, असद गुनगुनाए चिराग़ाँ जलाओ, ठहाके लगाओ यहाँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 107 Share