कवि, लेखक, विचारक एवं प्रशासनिक अधिकारी, साहित्य वाचस्पति- श्री किशन टण्डन क्रान्ति कृत 'अदा' उपन्यास सेक्स वर्करों की दर्द में डूबी जिन्दगी के बारे में विशद विवेचन करता है। विषय-वस्तु... Read more
कवि, लेखक, विचारक एवं प्रशासनिक अधिकारी, साहित्य वाचस्पति- श्री किशन टण्डन क्रान्ति कृत ‘अदा’ उपन्यास सेक्स वर्करों की दर्द में डूबी जिन्दगी के बारे में विशद विवेचन करता है। विषय-वस्तु एवं कथानक की सटीकता की दृष्टि से यह अनूठा उपन्यास है। इसमें ‘अदा’ एक पत्रिका, एक नारी और उनके संघर्ष का आईना है। उपन्यास में वेश्यावृत्ति की समस्या का गहराई से अध्ययन करने वाली सोशल वर्कर दिव्या के अटूट प्रेम और विरह का भी मर्मस्पर्शी वर्णन है। उपन्यास में कई-कई मोड़ हैं, लेकिन वे अन्त में मुख्यधारा में समाहित होकर कृति को विशिष्टता प्रदान करते हैं।