B tech वाली परीक्षा ( हास्य कविता )
B tech की पहली परीक्षा थी उस दिन , चिंता से दिल धड़कता जा रहा था ।
थे अच्छे – बुरे शकुन हॉस्टल से निकलते ही , बाया आंख फड़कता जा रहा था ।।
मैंने सवाल जो याद किए , वे भी आधे – अधूरे पूरे हुए ।
उनमें से भी कुछ सोचते – सोचते , दो – चार लाइन गायब हुए ।।
पर्चा जब हाथो में आया , पढ़ते ही सर चकराया ।
आंख हुआ बंद , बस भगवान याद आया ।।
यह 70 नंबर का पर्चा , मुझको 10 नंबर की भी आस नहीं ।
चाहे सारे पास हो जाए , मै हो सकती पास नहीं ।।
ओ प्रश्न ( questions )बनाने वाले , क्या आपके पास दया नहीं ।
आपने पूछे है जितने सवाल , उनमें से एक भी आते नहीं ।।
जो – जो मैंने रटे थे Answers , उनका कहीं पता नहीं ।
ऐसे प्रश्न बनाते वक्त , क्या आपके हाथ कटे नहीं ।।
चलो अब कोई बात नहीं ,
गीता में कहीं है एक बात सही , कर्म करो फल की चिंता मत करो ।
मन में आए जो Answers , उसी को पन्नों में उतार दिया करो ।। ??