कन्या विदाई
जो आई आज विदाई है,
जीवन की यह पुरवाई है ।
एक पक्ष में खुशियां है तो,
एक पक्ष से जुदाई है ।
लड़की की देखो कठिन,
परिश्रम की घड़ी यह आई है ।
आंखों में आंसू लिए हुई है,
क्योंकि आज विदाई है ।
जिस मां से उसने जन्म लिया,
उससे भी आज विदाई है।
पिता की छाया से भी देखो,
बिटिया की जुदाई है ।
बहन के स्नेह को देख देखकर,
सबकी आंखें भर आई हैं ।
भाई के लाड प्यार की देखो,
आज कठिन परीक्षा आई है।
जो आई आज विदाई है,
जीवन की यह पुरवाई है।।
© अभिषेक पाण्डेय अभि