!! होता है ऐसा भी !!
हाथ नहीं जुबान से भी
धक्का देकर गिरा देते हैं लोग
संभालना भी चाहे कोई अगर
सँभलने नहीं देते हैं लोग !!
फिसल जाती है उनकी जुबान
करनी नहीं गुरेज कुछ कहने में
समझते तो खूब हैं
पर कतराते नहीं कुछ कहने में !!
किस पर क्या असर होगा
किस की जिन्दगी में कल कैसा होगा
सता सता के जीना करते हैं मुहाल
एक अपनी शान की खातिर सता देते हैं लोग !!
रोते को हँसा दोगे तो क्या घिस जाएगा
बुरा वकत ऐसा उन पर भी कभी आएगा
गर मुस्कुराहट न दे सको किसी को कभी
कटु शब्द का उच्चारण भी तो न करे लोग !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ