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3 Apr 2023 · 1 min read

Apne man ki bhawnao ko , shabdo ke madhyam se , kalpanikta k

Apne man ki bhawnao ko , shabdo ke madhyam se , kalpanikta ki abhushan se susajjit karte hue , vastavikta si dulahn ko khuch itahas ke panno se chura kar, khuch nayi itihas bana kar , bayktki hui antarik, aarthik aur davik awshtha hi kavita ka roop le leti hai.
Iske madhyam se hum na kewal apne niji jivan par prakash dalte hai , balki samajikta ki
dhudhali chadar ki visheshta ki bhi byakhya kar rakte h .

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