_13_एक तिनका
डूबते हुए मांझी के लिए काफ़ी है,
साहिल का एक तिनका।
मरते हुए काजी के लिए काफ़ी है,
नूर का एक तिनका।।
मायूसी की परछाइयों के लिए काफ़ी है,
मयूख का एक तिनका।
रुसवाइयों को बढ़ाने के लिए काफ़ी है,
शक का एक तिनका।।
दिल में जज़्बात हों तो काफ़ी है चढ़ाने को,
खार का एक तिनका।
कामयाबी दिलवाने के लिए तो काफ़ी है,
हौंसला अफजाई का एक तिनका।।
हाज़िर जवाबी के लिए बस काफ़ी है,
बेहयाई का एक तिनका।
नारीत्व को बचाने के लिए काफ़ी है,
रीति का एक तिनका।।
स्वामित्व को बचाने के लिए काफ़ी है,
प्रीति का एक तिनका।
पतझड़ को बचाने के लिए काफ़ी है,
गुलशन का एक तिनका।।