868 बता मेरा कसूर क्या था
बदल गई नजर जो तेरी,
बता मेरा कसूर क्या था।
इश्क मुझे हुआ, ना तूझे हुआ,
बता मेरा कसूर क्या था।
आंखे तेरी है मय से भरी,
नजर जो नजर से मिली।
मदहोश तो होना ही था,
पर मेरा कसूर क्या था।
हमारी नजरें तो मदहोश थी।
ना होश था किसी भी चीज का।
तुम्हें यह गुस्ताखी लगी।
बता मेरा कसूर क्या था।
इश्क यूँ होता है ,
मुझे भी खबर ना थी।
ये मुझे हुआ ,तुझे ना हुआ,
बता मेरा कसूर क्या था।