6. उठो नौजवानो जागो
हिन्दुस्तान पुकार रहा है,
माँग रहा है बलिदान ।
उठो नौजवानों जागो,
दिखा दो अपना आन-बान-शान ।।
हिन्दू मुस्लिम, जात धर्म,
सब छोड़ो अपना अभिमान ।
कलियुग में भ्रष्ठयुग को लाना,
ये हो रहा कैसा नीती निर्माण ।।
मंदिर भी रहे, मस्जिद भी रहे,
पर हो भारत का कल्याण ।
राम भी थे बाबर भी थे, ये सारे इतिहास हैं ।
नमन करो, कल्पना और कलाम को,
क्योंकि विज्ञान पर विश्वास है ।।
जब ईश्वर अल्लाह पर विश्वास नहीं,
तो फिर से अब न तो मंदिर बनवाओ,
और ना ही तुम मस्जिद बनवाओ ।
भारतीय नक्शे पूजकर ही,
करो भारतीयों का सम्मान ।।
राम थे कि बाबर थे, सब इतिहास पुराना है ।
पूजना है तो कल्पना और कलाम को पूजो,
क्योंकि इस कलयुग में साइंस का ही जमाना है ।।
गंगा और गाय की बहस से,
हिन्दुस्तान कराह रहा ।
ओछी राजनीतिज्ञों का ही,
हिन्दुस्तान में पनाह रहा ।।
उखाड़ फेंको ऐसे राजनेताओं को,
जिसने पैदा किया लाचारी है ।
उठो नौजवानों जागो,
अबकी बाजी तुम्हारी है ।।
कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 30/04/2018
समय – 11 : 30 (रात्रि)