5 हिन्दी दोहा बिषय- विकार
5- हिंदी दोहे बिषय- विकार
1
#राना सदा विकार से ,
रहना तुम कुछ दूर |
यह छलते है यश सदा ,
मन रहता मजबूर ||
***
2
मन में यदि विकार हो ,
देना उन्हें निकाल |
#राना दृड़़ता राखिए ,
करें न उनका ख्याल ||
***
3
ज्ञानी ध्यानी संत जन ,
रखते नहीं विकार |
#राना उनका आचरण ,
करता सदा निखार ||
***
4
जब विकार पनपै जरा ,
#राना करो न ध्यान |
दूर रखो हैवानियत ,
बने रहो इंसान ||
***
5
सज्जन का मन देखना ,
रहता नहीं विकार |
#राना उनके पास में ,
जीवन का उपचार ||
***
– राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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