4864.*पूर्णिका*
4864.*पूर्णिका*
🌷 ना जाने कब क्या हो जाए 🌷
22 22 22 22
ना जाने कब क्या हो जाए ।
मन स्वस्थ तन स्वस्थ हो जाए ।।
रंग दिखाता है समय यहाँ ।
जो ना सोचे वो हो जाए ।।
खाते पीते मस्त रहते हम ।
मालूम नहीं कुछ हो जाए ।।
देखो सुंदर दुनिया अपनी।
हर्षमय ये जीवन हो जाए ।।
पास यहाँ खास यहाँ खेदू।
सच हर काम सरल हो जाए ।।
………..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
06-11-2024बुधवार