4817.*पूर्णिका*
4817.*पूर्णिका*
🌷 अपनी बदलेगी ये दुनिया 🌷
22 22 22 22
अपनी बदलेगी ये दुनिया।
हरदम मचलेगी ये दुनिया।।
गैर नहीं कोई सब अपने।
साथी निकलेगी ये दुनिया।।
मस्त हो कलकल नदियाँ बहती।
आगे बढ़ लेगी ये दुनिया ।।
मन को मोहे सुरभित जीवन ।
सच खुद हो लेगी ये दुनिया।।
खुशियांँ बरसे बादल खेदू।
सुध भी जब लेगी ये दुनिया ।।
………✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
02-11-2024शनिवार