4643.*पूर्णिका*
4643.*पूर्णिका*
🌷 बिन खोजे नहीं मिलता 🌷
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बिन खोजे नहीं मिलता।
बिन सोचे नहीं मिलता।।
ये संसार भी कैसा।
बिन देखे नहीं मिलता।।
दीवाना यहाँ प्रेमी।
बिन समझे नहीं मिलता।।
बदले भाव कुछ अपना।
बिन बोले नहीं मिलता।।
रास्ता देख ले खेदू।
बिन खोले नहीं मिलता।।
…..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
15-10-2024 मंगलवार