Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2024 · 1 min read

4643.*पूर्णिका*

4643.*पूर्णिका*
🌷 बिन खोजे नहीं मिलता 🌷
22 212 22
बिन खोजे नहीं मिलता।
बिन सोचे नहीं मिलता।।

ये संसार भी कैसा।
बिन देखे नहीं मिलता।।

दीवाना यहाँ प्रेमी।
बिन समझे नहीं मिलता।।

बदले भाव कुछ अपना।
बिन बोले नहीं मिलता।।

रास्ता देख ले खेदू।
बिन खोले नहीं मिलता।।
…..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
15-10-2024 मंगलवार

32 Views

You may also like these posts

What Is Love?
What Is Love?
Vedha Singh
साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी)
साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी)
गुमनाम 'बाबा'
बहुत  ही  खूब सूरत वो , घर्रौंदे  याद आते है !
बहुत ही खूब सूरत वो , घर्रौंदे याद आते है !
Neelofar Khan
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
Shweta Soni
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
Anis Shah
बन गई हो एक नगमा।
बन गई हो एक नगमा।
Kumar Kalhans
पानी बचाना है...
पानी बचाना है...
अरशद रसूल बदायूंनी
पेड़ से कौन बाते करता है ?
पेड़ से कौन बाते करता है ?
Buddha Prakash
फ़िलहाल देश को सबसे बड़ी ज़रुरत समर्थ और सशक्त विपक्ष की।
फ़िलहाल देश को सबसे बड़ी ज़रुरत समर्थ और सशक्त विपक्ष की।
*प्रणय*
जीवन शोकगीत है
जीवन शोकगीत है
इशरत हिदायत ख़ान
பூக்களின்
பூக்களின்
Otteri Selvakumar
मउगी चला देले कुछउ उठा के
मउगी चला देले कुछउ उठा के
आकाश महेशपुरी
24)”मुस्करा दो”
24)”मुस्करा दो”
Sapna Arora
शैतान मन
शैतान मन
Rambali Mishra
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सच तो कुछ नहीं है
सच तो कुछ नहीं है
Neeraj Agarwal
पुनर्आगमन
पुनर्आगमन
अंकित आजाद गुप्ता
जो रिश्ते दिल में पला करते हैं
जो रिश्ते दिल में पला करते हैं
शेखर सिंह
"इस कदर"
Dr. Kishan tandon kranti
आया जो नूर हुस्न पे
आया जो नूर हुस्न पे
हिमांशु Kulshrestha
मर्दों वाला काम
मर्दों वाला काम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
Vishvendra arya
मधुमास
मधुमास
Kanchan verma
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
सत्य कुमार प्रेमी
बरखा में ऐसा लगे,
बरखा में ऐसा लगे,
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
तेरे प्यार के राहों के पथ में
तेरे प्यार के राहों के पथ में
singh kunwar sarvendra vikram
सिद्दत्त
सिद्दत्त
Sanjay ' शून्य'
खजूर के वृक्ष का दुख
खजूर के वृक्ष का दुख
Laxmi Narayan Gupta
Loading...