4634.*पूर्णिका*
4634.*पूर्णिका*
🌷 देख खुश होते हम 🌷
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देख खुश होते हम ।
प्रेम सच बोते हम ।।
रात क्या दिन भी क्या ।
हंसते रोते हम ।।
पार दरिया यारा ।
देखते गोते हम ।।
यूं कमाते सब पुण्य ।
पाप भी धोते हम ।।
समझते कुछ खेदू।
ना रट्टू तोते हम ।।
…..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
14-10-2024 सोमवार