4621.*पूर्णिका*
4621.*पूर्णिका*
🌷 तुमसे दूरी नहीं कुछ भी 🌷
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तुमसे दूरी नहीं कुछ भी ।
यूं मजबूरी नहीं कुछ भी ।।
सच बेहद प्यार करते हम ।
देख जरूरी नहीं कुछ भी ।।
ये दिल की बात है साजन ।
चाह अधूरी नहीं कुछ भी ।।
चमके ये चांद रातों में ।
ऐसी नूरी नहीं कुछ भी ।।
रहती हरदम खुशी खेदू।
न कहे पूरी नहीं कुछ भी ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
13-10-2024 रविवार