4550.*पूर्णिका*
4550.*पूर्णिका*
🌷 प्यार अपनों को देते 🌷
212 22 22
प्यार अपनों को देते।
यार अपनों को देते।।
जिंदगी देखो सुंदर।
हार अपनों को देते।।
खूबसूरत ये दुनिया।
बार अपनों को देते।।
नेकिया करते हरदम।
तार अपनों को देते।।
देख ऐसी भी फितरत ।
मार अपनों को देते।।
महकती बगियां खेदू।
भार अपनों को देते।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
05-10-2024 शनिवार