4425.*पूर्णिका*
4425.*पूर्णिका*
🌷 दिल की बात जुबां पे आ गए🌷
22 22 22 212
दिल की बात जुबां पे आ गए ।
क्या औकात जुबां पे आ गए ।।
जीने की रखते सब हसरतें ।
हर सौगात जुबां पे आ गए ।।
लाख छिपाएं हमसे राज तुम ।
दे के मात जुबां पे आ गए ।।
बनते इंसां करते नेकिया।
मालूमात जुबां पे आ गए ।।
खुशियाँ हरदम खेदू बांटते।
कितने दांत जुबां पे आ गए ।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
23-09-2024 सोमवार