4423.*पूर्णिका*
4423.*पूर्णिका*
🌷 *तुझसे कहना है क्या *🌷
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तुझसे कहना है क्या ।
हमसे सहना है क्या।।
दुनिया का रंग यहाँ ।
कुछ तो रहना है क्या।।
कलकल करती नदियाँ ।
धारा बहना है क्या।।
तकलीफ नहीं दिल में ।
सुंदर गहना है क्या ।।
बदले चोला खेदू।
न कहर ढ़हना है क्या।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
23-09-2024 सोमवार