4406.*पूर्णिका*
4406.*पूर्णिका*
🌷 सच जान कर खुशी हुई🌷
2212 1212
सच जान कर खुशी हुई ।
सब मान कर खुशी हुई ।।
चाहत रखें यहाँ जहाँ ।
मन तान कर खुशी हुई ।।
आशा कभी नहीं रहे ।
अब ठान कर खुशी हुई ।।
जीवन जहाँ हरा भरा ।
वक्त भान कर खुशी हुई ।।
खेदू जरा करें मस्ती ।
जय गान कर खुशी हुई ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
21-09-2024 शनिवार