4368.*पूर्णिका*
4368.*पूर्णिका*
🌷 खुद होकर देते हम🌷
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खुद होकर देते हम ।
खुश होकर देते हम ।।
सपनें साकार यहाँ ।
मस्त होकर देते हम ।।
ये वक्त के साथ जहाँ ।
व्यस्त होकर देते हम ।।
बगियां बनके महके।
गुल होकर देते हम ।।
बरसे खुशियां खेदू।
भल होकर देते हम ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
19-09-2024 गुरुवार