3425⚘ *पूर्णिका* ⚘
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3425⚘ पूर्णिका ⚘
🌹 ना भाग दुनिया की अंधी दौड़ में 🌹
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ना भाग दुनिया की अंधी दौड़ में ।
बस आजमाते लोग यहाँ दौड़ में।।
जीना नहीं आया देखो जिंदगी।
ये एक दिन खप जायेगी दौड़ में।।
जाना कहाँ है मालूम नहीं हमें ।
बाजी लगा रहते शामिल दौड़ में।।
नासमझ समझाते समझे गुर यहाँ।
कहते सभी ये क्या हासिल दौड़ में।।
अवसर यहीं खेदू सब पहचानते।
यूं दौड़ते होते काबिल दौड़ में ।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
09-05-2024 गुरुवार