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8 May 2024 · 1 min read

3422⚘ *पूर्णिका* ⚘

3422⚘ पूर्णिका
🌹 बहती हवा में बह गए 🌹
2212 2212
बहती हवा में बह गए ।
अपना कहाँ क्या रह गए ।।
खोजा जिसे पाया उसे ।
अरमान अपनी कह गए ।।
जिंदादिली अपना दिखा।
नादान दर्द सब सह गए ।।
करते दुआ रब से यहाँ ।
जंगी परचम फतह गए ।।
बस कुछ कदम खेदू रखे।
मीनार सारे ढ़ह गए ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
08-05-2024 बुधवार

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