Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2024 · 1 min read

3262.*पूर्णिका*

3262.*पूर्णिका*
🌷 दिल को तू भा गए 🌷
22 2212
दिल को तू भा गए ।
जग में तू छा गए ।।
महके ये जिंदगी।
यूं राह दिखा गए ।।
अपना माना तुझे।
सच आज जता गए ।।
हरदम आगे बढ़ो ।
चाहत लूटा गए ।।
जीते खेदू यहाँ ।
सब दांव लगा गए ।।
……✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
11-04-2024गुरुवार

40 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेगुनाही एक गुनाह
बेगुनाही एक गुनाह
Shekhar Chandra Mitra
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
कवि रमेशराज
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
Shakil Alam
2536.पूर्णिका
2536.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
Suryakant Dwivedi
चांदनी न मानती।
चांदनी न मानती।
Kuldeep mishra (KD)
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
नेताम आर सी
अवधी मुक्तक
अवधी मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"नसीहत और तारीफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन
बचपन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
Neelam Sharma
🙅ओनली पूछिंग🙅
🙅ओनली पूछिंग🙅
*प्रणय प्रभात*
जमाना गुजर गया उनसे दूर होकर,
जमाना गुजर गया उनसे दूर होकर,
संजय कुमार संजू
तुमसे मैं एक बात कहूँ
तुमसे मैं एक बात कहूँ
gurudeenverma198
गांधीवादी (व्यंग्य कविता)
गांधीवादी (व्यंग्य कविता)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
VINOD CHAUHAN
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
Anand Kumar
Carry me away
Carry me away
SURYA PRAKASH SHARMA
जय श्री गणेशा
जय श्री गणेशा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बचपन
बचपन
नूरफातिमा खातून नूरी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मोर
मोर
Manu Vashistha
"फितरत"
Ekta chitrangini
ज़रा-सी बात चुभ जाये,  तो नाते टूट जाते हैं
ज़रा-सी बात चुभ जाये, तो नाते टूट जाते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ऐसा कहा जाता है कि
ऐसा कहा जाता है कि
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
जल प्रदूषण पर कविता
जल प्रदूषण पर कविता
कवि अनिल कुमार पँचोली
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
डॉक्टर रागिनी
Loading...