3225.*पूर्णिका*
3225.*पूर्णिका*
🌷 ठान लिया तो ठान लिया है🌷
22 22 22 22
ठान लिया तो ठान लिया है ।
तुमको अपना मान लिया है ।।
लाख बहाना करते रहते।
सच तो सब कुछ जान लिया है ।।
फितरत भी तेरी आँखों में ।
नजरों से पहचान लिया है ।।
अपनी मंजिल है साथ यहाँ ।
पग पग पागल छान लिया है ।।
दुनिया बदले हमदम खेदू।
देखो सीना तान लिया है ।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
02-04-2024मंगलवार