Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2024 · 1 min read

3176.*पूर्णिका*

3176.*पूर्णिका*
🌷 आदमी आज चालाक हो गए🌷
212 212 212 12
आदमी आज चालाक हो गए ।
बात ना कर कटी नाक हो गए ।।
हम समझते रहे जिंदगी यहाँ ।
दिल जले आग में खाक हो गए ।।
ख्वाब क्या क्या नहीं देखते सजन।
मतलबी यार के धाक हो गए ।।
नापते जो फिरे जग कहे जहाँ ।
नैन भी ताकते ताक हो गए ।।
हार भी जीत खेदू यहाँ बने।
बस इरादे जरा पाक हो गए ।।
…….✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
24-03-2024रविवार

199 Views

You may also like these posts

मुॅंह अपना इतना खोलिये
मुॅंह अपना इतना खोलिये
Paras Nath Jha
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
Ranjeet kumar patre
आप वक्त को थोड़ा वक्त दीजिए वह आपका वक्त बदल देगा ।।
आप वक्त को थोड़ा वक्त दीजिए वह आपका वक्त बदल देगा ।।
Lokesh Sharma
लतखिंचुअन के पँजरी...
लतखिंचुअन के पँजरी...
आकाश महेशपुरी
बंजारा
बंजारा
Mohammed urooj khan
चाहे जितनी देर लगे
चाहे जितनी देर लगे
Buddha Prakash
वो कालेज वाले दिन
वो कालेज वाले दिन
Akash Yadav
विधि का विधान ही विज्ञान
विधि का विधान ही विज्ञान
Anil Kumar Mishra
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
कलाकार की कलाकारी से सारे रिश्ते बिगड़ते हैं,
कलाकार की कलाकारी से सारे रिश्ते बिगड़ते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"दुखती रग.." हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मधुर बरसात
मधुर बरसात
C S Santoshi
लोगो को आपकी वही बाते अच्छी लगती है उनमें जैसे सोच विचार और
लोगो को आपकी वही बाते अच्छी लगती है उनमें जैसे सोच विचार और
Rj Anand Prajapati
3301.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3301.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"दूरी के माप"
Dr. Kishan tandon kranti
■ नंगे नवाब, किले में घर।।😊
■ नंगे नवाब, किले में घर।।😊
*प्रणय*
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
असर
असर
Shyam Sundar Subramanian
आंसूओं की नहीं
आंसूओं की नहीं
Dr fauzia Naseem shad
!!
!! "सुविचार" !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कनक मंजरी छंद
कनक मंजरी छंद
Rambali Mishra
तू साथ नहीं
तू साथ नहीं
Chitra Bisht
All good
All good
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रुक्मिणी संदेश
रुक्मिणी संदेश
Rekha Drolia
पिता
पिता
पूर्वार्थ
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
शेखर सिंह
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रश्न ......
प्रश्न ......
sushil sarna
लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
gurudeenverma198
संस्कार का गहना
संस्कार का गहना
Sandeep Pande
Loading...