3030.*पूर्णिका*
3030.*पूर्णिका*
🌷 सपने साकार होते हैं 🌷
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सपने साकार होते हैं ।
जीवन आधार होते हैं ।।
दुनिया भी बदलती देखो ।
न गले की हार होते हैं ।।
चुभते काँटे यहाँ हरदम।
संघर्ष संहार होते हैं ।।
सोने सा आग में तपते।
कुंदन भी दीदार होते हैं ।।
खुशियां बांटे जरा खेदू।
जनता सरकार होते हैं ।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
19-02-2024सोमवार