3007.*पूर्णिका*
3007.*पूर्णिका*
🌷 खुशियों का रंग प्यारा लगता है
22 2212 22 22
खुशियों का रंग प्यारा लगता है ।
ये साथी मस्त दुलारा लगता है ।।
जीवन में घोर अंधेरा होता।
तिनके का बस सहारा लगता है ।।
सच में जालिम जमाना है अब तो।
एक नहीं सब दुबारा लगता है ।।
संभल कर पांव रखते कौन भला।
दिखने को तो किनारा लगता है ।।
दामन में प्यार अपना खेदू।
सपना सुंदर सितारा लगता है ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
14-02-2024बुधवार