2952.*पूर्णिका*
2952.*पूर्णिका*
🌷 अपना रास्ता अपनी मंजिल 🌷
22 22 22 22
अपना रास्ता अपनी मंजिल।
तू चल कहता है मेरा दिल।।
बदले बदले आज जमाना।
घूमते फिरते हरदम कातिल ।।
खुशियाँ भी मिलती रोज हमें ।
पार लगाते दरिया साहिल ।।
हम वक्त के साथ चले यारों।
सुख दुख में और रहे शामिल ।।
साथ खड़ा देख यहाँ खेदू।
माने कहना बनते काबिल।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
24-01-2024बुधवार