2908.*पूर्णिका*
2908.*पूर्णिका*
🌷 ख्वाब सजाकर रखो🌷
22 2212
ख्वाब सजाकर रखो।
धार पजाकर रखो।।
महकेगी जिंदगी ।
मन महका कर रखो।।
सुख है तो दुख कहाँ ।
प्यार लुटाकर देखो।।
दुनिया साथी बने।
फरज निभाकर देखो।।
अपना खेदू कहे।
यार बनाकर देखो।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
06-01-2024शनिवार