2861.*पूर्णिका*
2861.*पूर्णिका*
🌷 जिंदगी दर्पण हो जाए🌷
212 212 22
जिंदगी दर्पण हो जाए ।
मन यहाँ अर्पण हो जाए।।
महकती रोज ही दुनिया।
यूं श्रध्दा समर्पण हो जाए ।।
नफरतें भी मिटे दिल से।
प्रेम का वर्षण हो जाए ।।
नेकिया हम करें हरदम।
देख आकर्षण हो जाए ।।
ये रिश्ता हवा सा खेदू ।
देख बस तर्पण हो जाए ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
26-12-2023मंगलवार