2845.*पूर्णिका*
2845.*पूर्णिका*
🌷 देखा जिसे देखते रहे🌷
2212 212 12
देखा जिसे देखते रहे।
बस प्यार से परखते रहे।।
दुनिया कहीं बदलती यहाँ ।
कागज पन्ने बदलते रहे।।
समझा कहाँ बात दिल यहाँ।
क्या जिंदगी समझते रहे।।
बांटे महक फूल यूं बने।
बगियां जरा महकते रहे।।
अरमान खेदू रखे जहाँ ।
पंछियों सा चहकते रहे।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
21-12-2023गुरुवार