2822. *पूर्णिका*
2822. पूर्णिका
🌷 न चाह कर भी प्यार मिले🌷
1212 22 22
न चाह कर भी प्यार मिले।
जहाँ सुखी संसार मिले।।
कभी नहीं गम करते हम ।
यहाँ खुशी दीदार मिले।।
खरीदते ईमान जहाँ ।
लगे नया बाजार मिले।।
सही कहे दिल जब अपना।
नई कश्ती पतवार मिले।।
सवाल है कैसे खेदू।
नजीर है उपहार मिले।।
…..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
14-12-2023गुरुवार