Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2023 · 1 min read

हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत

हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए,
चाहकर एक दूजे से मिल ना सके।।

एक अधूरा सा जीवन लिए साथ में,
एक दूरी तलक साथ चलते रहे।
दूरियां फिर मगर ऐसे बढ़ती गईं,
मिलके बिछड़े, मगर फिर से मिल ना सके।

हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए, चाहकर एक दूजे से मिल ना सके।।

हर सरल राह चुनकर, तुम्हें सौंपकर,
नाम अपने कठिन राह करते रहे।
तुम सरल राह पाकर के आगे बढ़ी,
हम कठिन राह पर, ज्यादा चल ना सके।

हम तुम एक नदी के दो तट हो गए, चाहकर एक दूजे से मिल ना सके।।

अभिषेक सोनी
(एम०एससी०, बी०एड०)
ललितपर, उत्तर–प्रदेश

1 Like · 168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
sudhir kumar
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
🙅आम सूचना🙅
🙅आम सूचना🙅
*प्रणय प्रभात*
मजदूर की बरसात
मजदूर की बरसात
goutam shaw
मन में रखिए हौसला,
मन में रखिए हौसला,
Kaushal Kishor Bhatt
*अज्ञानी की कलम  *शूल_पर_गीत*
*अज्ञानी की कलम *शूल_पर_गीत*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
सत्य कुमार प्रेमी
सुन लो बच्चों
सुन लो बच्चों
लक्ष्मी सिंह
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
अधिकांश होते हैं गुमराह
अधिकांश होते हैं गुमराह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*बदकिस्मत थे, जेल हो गई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
*बदकिस्मत थे, जेल हो गई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
*साहित्यिक बाज़ार*
*साहित्यिक बाज़ार*
Lokesh Singh
एक लेख...…..बेटी के साथ
एक लेख...…..बेटी के साथ
Neeraj Agarwal
Them: Binge social media
Them: Binge social media
पूर्वार्थ
आप कैसा कमाल करते हो
आप कैसा कमाल करते हो
Dr fauzia Naseem shad
बड़बोले बढ़-बढ़ कहें, झूठी-सच्ची बात।
बड़बोले बढ़-बढ़ कहें, झूठी-सच्ची बात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
2531.पूर्णिका
2531.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जग कल्याणी
जग कल्याणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
श्री गणेश वंदना:
श्री गणेश वंदना:
जगदीश शर्मा सहज
अवसाद
अवसाद
Dr Parveen Thakur
पितर
पितर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आश्रित.......
आश्रित.......
Naushaba Suriya
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
हिमांशु Kulshrestha
पिता का पता
पिता का पता
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
" सितारे "
Dr. Kishan tandon kranti
पर्यावरण-संरक्षण
पर्यावरण-संरक्षण
Kanchan Khanna
सोच
सोच
Shyam Sundar Subramanian
मेरा शरीर और मैं
मेरा शरीर और मैं
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Rap song 【4】 - पटना तुम घुमाया
Rap song 【4】 - पटना तुम घुमाया
Nishant prakhar
दोहा पंचक. . . .इश्क
दोहा पंचक. . . .इश्क
sushil sarna
Loading...