Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Dec 2023 · 1 min read

2778. *पूर्णिका*

2778. पूर्णिका
कुछ तो मिल जाते
22 22 2
कुछ तो मिल जाते।
दिल तो खिल जाते।।
अजब कहानी सुन ।
जड़ भी हिल जाते।।
अपना है सपना।
नैना फिल जाते।।
दोस्त यहाँ प्यारे ।
दुनिया पिल जाते।।
रोज मजा खेदू।
बातें ढिल जाते।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
01-12-2023शुक्रवार

264 Views

You may also like these posts

चाँद सी चंचल चेहरा🙏
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
23/58.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/58.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां
मां
Sonam Puneet Dubey
अन्याय के युग में जी रहे हैं हम सब,
अन्याय के युग में जी रहे हैं हम सब,
Ajit Kumar "Karn"
गुरु
गुरु
Ahtesham Ahmad
"CCNA® Training in London: Become a Certified Network Associate with Cisco"
bandi tharun
ये तो कहो...
ये तो कहो...
TAMANNA BILASPURI
क्या 'तेवरी' एक विधा? डॉ. विशनकुमार शर्मा
क्या 'तेवरी' एक विधा? डॉ. विशनकुमार शर्मा
कवि रमेशराज
दोहा पंचक. . . . मतभेद
दोहा पंचक. . . . मतभेद
sushil sarna
क्रिसमस डे
क्रिसमस डे
Sudhir srivastava
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"घर घर की कहानी"
Yogendra Chaturwedi
मैं अलग हूँ
मैं अलग हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या)
■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या)
*प्रणय*
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
दीपक झा रुद्रा
ध्यान क्या है, ध्यान क्यों करना चाहिए, और ध्यान के क्या क्या फायदा हो सकता है? - रविकेश झा
ध्यान क्या है, ध्यान क्यों करना चाहिए, और ध्यान के क्या क्या फायदा हो सकता है? - रविकेश झा
Ravikesh Jha
रूबरू न कर
रूबरू न कर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"वफादार"
Dr. Kishan tandon kranti
सवैया
सवैया
Kamini Mishra
किसी के प्रति ईर्ष्या का भाव वैमनस्य का उद्भव तामसिक प्रवृत्
किसी के प्रति ईर्ष्या का भाव वैमनस्य का उद्भव तामसिक प्रवृत्
Rj Anand Prajapati
कम्प्यूटर
कम्प्यूटर
अरशद रसूल बदायूंनी
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
सजग  निगाहें रखा करो  तुम बवाल होंगे।
सजग निगाहें रखा करो तुम बवाल होंगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मनुवा तेरे
मनुवा तेरे
Santosh kumar Miri
बढ़ी शय है मुहब्बत
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
जय श्री राम !
जय श्री राम !
Mahesh Jain 'Jyoti'
*मौत मिलने को पड़ी है*
*मौत मिलने को पड़ी है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
- क्या कहना -
- क्या कहना -
bharat gehlot
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
Subhash Singhai
लालसा
लालसा
Durgesh Bhatt
Loading...