2778. *पूर्णिका*
2778. पूर्णिका
कुछ तो मिल जाते
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कुछ तो मिल जाते।
दिल तो खिल जाते।।
अजब कहानी सुन ।
जड़ भी हिल जाते।।
अपना है सपना।
नैना फिल जाते।।
दोस्त यहाँ प्यारे ।
दुनिया पिल जाते।।
रोज मजा खेदू।
बातें ढिल जाते।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
01-12-2023शुक्रवार