The Day I Wore My Mother's Saree!
विनाश की कगार पर खड़ा मानव
"पुरे दिन का सफर कर ,रवि चला अपने घर ,
हिंदी दिवस को प्रणाम
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
किससे कहे दिल की बात को हम
जिंदगी हमेशा इम्तिहानों से भरा सफर है,
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
मौहब्बत की नदियां बहा कर रहेंगे ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
वो आइने भी हर रोज़ उसके तसव्वुर में खोए रहते हैं,
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
संवेदनाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आचार्य शुक्ल की कविता सम्बन्धी मान्यताएं
की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह