🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
*राधा को लेकर वर्षा में, कान्हा छाते के संग खड़े (राधेश्यामी
वक्त ने क्या क्या किये सितम।
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
विरह रस
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जिंदगी की कहानी लिखने में
Shankarlal Dwivedi reciting his verses and Dr Ramkumar Verma and other literary dignitaries listening to him intently.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
अपनी-अपनी जुगत लगाने, बना रहे घुसपैठ।