** लगाव नहीं लगाना सखी **
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
शकुन सतसई ( दोहा संग्रह) समीक्षा
रवींद्र नाथ टैगोर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
उजले दिन के बाद काली रात आती है
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।