कुछ नमी अपने साथ लाता है ।
यूं सांसों का वजूद भी तब तक होता है,
"यायावरी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Rakesh Yadav - Desert Fellow - निर्माण करना होगा
ढूंढ रहा हूं घट घट उसको
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
दिखता नही किसी को
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
श्याम की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
*मॉंगता सबसे क्षमा, रिपु-वृत्ति का अवसान हो (मुक्तक)*