इसलिए भी मेरे ख़ूँ में वतन-परस्ती आई है
जो कभी रहते थे दिल के ख्याबानो में
पानी के छींटें में भी दम बहुत है
सुना है हमने दुनिया एक मेला है
*रामपुर रियासत का प्राचीन इतिहास*
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
आज कल परिवार में छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सबका अपना दाना - पानी.....!!
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है