क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
“की एक जाम और जमने दे झलक में मेरे ,🥃
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
बाल कविता: नानी की बिल्ली
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"प्रकृति गीत"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
आओ शाम की चाय तैयार हो रहीं हैं।
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कम आंकते हैं तो क्या आंकने दो
रिज़्क़ तू सबको दे मेरे मौला,
*भ्रष्टाचार की पाठशाला (हास्य-व्यंग्य)*