अनमोल मोती
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
कुंभकार
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
आह
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
चाहे हमको करो नहीं प्यार, चाहे करो हमसे नफ़रत
देख रे भईया फेर बरसा ह आवत हे......
उम्मीद से सजे ये छोटी सी जिंदगी
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,