Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2023 · 1 min read

2635.पूर्णिका

2635.पूर्णिका
🌷 प्रेम से संसार जीत लिया 🌷
212 2212 22
प्रेम से संसार जीत लिया।
आदमी बाजार जीत लिया।।
आज भी रावण यहाँ जिंदा ।
सब मरे को मार जीत लिया ।।
बेवफा कोई नहीं कहते।
यूं करें दीदार जीत लिया ।।
देख हम तकलीफ में रहते।
छीन कर आधार जीत लिया ।।
बस किस्सा अपना कहे खेदू।
ख्वाब भी साकार जीत लिया ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
24-10-2023मंगलवार

269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कलाकार
कलाकार
Shashi Mahajan
(1ग़ज़ल) बंजर पड़ी हैं धरती देखें सभी नदी को
(1ग़ज़ल) बंजर पड़ी हैं धरती देखें सभी नदी को
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
पुरोवाक्
पुरोवाक्
Rambali Mishra
मुझे मेरी पहचान चाहिए
मुझे मेरी पहचान चाहिए
MEENU SHARMA
శ్రీ గాయత్రి నమోస్తుతే..
శ్రీ గాయత్రి నమోస్తుతే..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सजल
सजल
seema sharma
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
लड़ी अवंती देश की खातिर
लड़ी अवंती देश की खातिर
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
तेरा नाम
तेरा नाम
sheema anmol
" वजन "
Dr. Kishan tandon kranti
*राजा राम सिंह चालीसा*
*राजा राम सिंह चालीसा*
Ravi Prakash
*मेरे दिल में आ जाना*
*मेरे दिल में आ जाना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नारी..... एक खोज
नारी..... एक खोज
Neeraj Agarwal
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
उनके नैनन के वार झेलेनी
उनके नैनन के वार झेलेनी
आकाश महेशपुरी
कहां जायें
कहां जायें
Minal Aggarwal
घायल इन्सान
घायल इन्सान
Mukund Patil
..
..
*प्रणय*
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
Harekrishna Sahu
#मैत्री
#मैत्री
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
Phool gufran
यही जीवन है ।
यही जीवन है ।
Rohit yadav
पौधे दो हरगिज नहीं, होते कभी उदास
पौधे दो हरगिज नहीं, होते कभी उदास
RAMESH SHARMA
केवल पंखों से कभी,
केवल पंखों से कभी,
sushil sarna
गहरी नदिया नांव पुराने कौन है खेवनहार
गहरी नदिया नांव पुराने कौन है खेवनहार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
3123.*पूर्णिका*
3123.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी झोली मै कुछ अल्फ़ाज़ अपनी दुआओं के डाल दे ...
मेरी झोली मै कुछ अल्फ़ाज़ अपनी दुआओं के डाल दे ...
Neelofar Khan
आत्मविश्वास जैसा
आत्मविश्वास जैसा
पूर्वार्थ
हार पर प्रहार कर
हार पर प्रहार कर
Saransh Singh 'Priyam'
Loading...