2628.पूर्णिका
2628.पूर्णिका
🌷 गिरगिट सा रंग बदल 🌷
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गिरगिट सा रंग बदल ।
करते रहते नकल।।
भटके भटके राही ।
कुछ न लगाते अकल ।।
मंजिल पांव न चूमे ।
क्या बात कहे असल ।।
ना हद में मनमानी ।
कदम रखो तुम संभल ।।
बीज नहीं तू बोया।
होगी फिर क्या फसल ।।
लोग खड़े रोज अड़े ।
देते हरदम दखल ।।
सारी दुनिया देखे ।
सब रख देते मसल।।
आज बता दे खेदू ।
औकात यहाँ सकल ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
20-10-2023शुक्रवार